देहरादून: इन्वेस्टर्स समिट के उद्घाटन को सात अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दून दौरे के दौरान कांग्रेस गांधी पार्क में धरना देगी। वहीं, विरोध कर रही काग्रेस के खिलाफ भाजपा ने पलटवार किया है।
कांग्रेस पार्टी ने राफेल विमान सौदे और महंगाई को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल दागे हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उक्त दोनों मामलों में चुप्पी तोड़कर जनता को जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में बुधवार को पत्रकारों से मुखातिब प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश सरकार पर तीखे हमले किए।
उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट के लिए दून आ रहे प्रधानमंत्री को पहले जनता के सवालों के जवाब देने चाहिए। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उनका अनुकरण कर रही भाजपा को गांधी के हत्यारे की सार्वजनिक रूप से आलोचना करनी चाहिए।
अनुग्रह नारायण सिंह ने कहा कि गुजरात से महात्मा गांधी ने सत्य का परचम लहराया, वहीं गुजरात से आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्य को छिपाकर झूठ बोल रहे हैं।
प्रदेश प्रभारी ने कहा कि उत्तराखंड से पहले उत्तरप्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी इन्वेस्टर्स समिट हुए हैं, लेकिन उसके सार्थक परिणाम देखने को नहीं मिले। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सात अक्टूबर को पार्टी गांधी पार्क में धरना देकर प्रधानमंत्री से राफेल विमान सौदे और महंगाई पर जवाब मांगेगी।
समिट का विरोध विकास विरोधी मानसिकता: भसीन
भाजपा ने काग्रेस द्वारा उद्घाटन के दिन इन्वेस्टर्स समिट के विरोध की घोषणा को काग्रेस की उत्तराखंड व विकास विरोधी मानसिकता का प्रतीक बताया है।
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रमुख डॉ. देवेंद्र भसीन ने कहा कि काग्रेस मूल रूप से उत्तराखंड व विकास विरोधी मानसिकता की पार्टी है। इन्वेस्टर्स समिट के उद्घाटन के दिन कांग्रेस ने इसके विरोध की जो घोषणा की है, उससे फिर साफ हो गया है कि वह राज्य का हित नहीं चाहती।
उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस में उत्तराखंड के हितों व विकास के प्रति जरा भी संवेदना होती तो वह प्रधानमंत्री व देश दुनिया से आ रहे निवेशकों का स्वागत करती।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता शुरू से ही इन्वेस्टर्स समिट के विरोध में बोल रहे हैं। कांग्रेस का लगातार प्रयास रहा कि समिट को असफल करने के लिए दुष्प्रचार किया जाए, लेकिन उनके प्रयास सफल नहीं हुए।