पंचतत्व में विलीन हुए नारायण, सीएम समेत राजनीतिक हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि

हल्‍द्वानी: राजनीति के विराट व्यक्तित्व पंडित नारायण दत्त तिवारी रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। राजकीय सम्मान के साथ 21 तोपों की सलामी देते हुए रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर उनकी अंत्येष्टि की गई। पुत्र रोहित शेखर ने मुखाग्नि दी। इस दौरान हजारों नम आंखों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके तिवारी 93 वर्ष के थे। 18 अक्टूबर को मैक्स अस्पताल दिल्ली में उनका निधन हो गया था। घाट पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अलावा तमाम कैबिनेट मंत्री समेत कई प्रमुख हस्तियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
लखनऊ से शनिवार को उनका पार्थिव शरीर सर्किट हाउस काठगोदाम लाया गया था। रविवार को दोपहर 12:30 बजे तक अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। जहां सैकड़ों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सर्किट हाउस से रानीबाग चित्रशिला घाट पर अंतिम यात्रा पहुंची। इस डेढ़ घंटे की यात्रा में हजारों लोग अपने प्रिय नेता एनडी के लिए नारे लगाते रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा, एनडी तेरा नाम रहेगा। घाट पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, पूर्व सीएम व सांसद भगत सिंह कोश्यारी, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व सीएम व कांग्रेस महासचिव हरीश रावत, सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व सांसद महेंद्र सिंह माहरा, केसी सिंह बाबा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, विधायक बंशीधर भगत, पुष्कर सिंह धामी, राजेश शुक्ला, राम सिंह कैड़ा, संजीव आर्य, पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री बची सिंह रावत, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, नारायण सिंह जंतवाल, कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पहले सुबह सर्किट हाउस में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश समेत तमाम लोगों ने श्रद्धांजलि दी और एनडी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। सभी नेताओं ने कहा कि देश ने महान नेता को खो दिया है। अब इनकी भरपाई करना संभव नहीं है।

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