बाल विवाह के खिलाफ यूपी की ‘स्मार्ट बेटियां’ मैदान में

ग्रामीण भारत में आज भी जारी बाल विवाह के चलन के खात्मे के लिए यूनिसेफ, अमर उजाला फाउंडेशन, गूगल और जेएमसी ने मिलकर उत्तर प्रदेश के दो जिलों में महिला सशक्तीकरण का एक विशेष अभियान ‘स्मार्ट बेटियां’ शुरू किया है। इस वर्ष मई से जारी अभियान के तहत प्रशिक्षण पाई 150 इंटरनेट साथियों ने श्रावस्ती और बलरामपुर में बाल विवाह के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली बहादुर लड़कियों-लड़कों और सही सोच वाले अभिभावकों की वीडियो स्टोरी बनाई हैं। स्मार्ट बेटियां प्रोजेक्ट के तहत बनी यह वीडियो कथाएं 25 अक्तूबर से अमर उजाला की वेबसाइट पर हर दिन अपलोड होना शुरू होंगी। शुरुआती तैयारी के बाद जून-जुलाई 2018 में श्रावस्ती और बलरामपुर में तीन सत्रों में चार-चार दिन की ट्रेनिंग में 150 इंटरनेट साथियों को बाल विवाह से जुड़े मुद्दों के विभिन्न आयामों के अलावा पत्रकारीय लेखन और मोबाइल कैमरे से वीडियो शूटिंग की बारिकियों से अवगत कराया गया। उसके बाद गांव-गांव जाकर इंटरनेट साथियों ने बाल विवाह के खिलाफ काम कर रहे योद्धाओं को ढूंढ़ा और उनकी कहानियों को अपने वीडियो कैमरे में कैद किया।
किसी ने ऐसी लड़की की कहानी भेजी जिसने अपनी समझ और जिद के दम पर खुद अपना बाल विवाह रुकवाया था तो किसी ने अपनी पढ़ाई जारी रखने को तरजीह देते हुए अपने बाल विवाह को न कह दी थी। कहीं अभिभावक की समझदारी से बाल विवाह रुका था तो कहीं पड़ोसी या स्कूल शिक्षक की मदद से बाल विवाह से बचने पाई थी कोई बच्ची।इन छोटी-छोटी वीडियो कथाओं में बदलते ग्रामीण भारत की उजली तस्वीर तो मिलेगी ही, साथ ही ग्रामीण लड़कियों और महिलाओं के मजबूत होते संकल्प की वह झांकी भी दिखेगी जो अपने समाज में गहरे पैठी लैंगिक असमानता की अनेक पर्तों को उधेड़कर समतापरक समाज की नींव धर कर एक नये भारत के निर्माण में चुपचाप लगी हैं। उल्लेखनीय है कि वीडियो स्टोरी भेजने वाली इन 150 इंटरनेट साथियों में से चुनिंदा 10 को दिसंबर 2018 में लखनऊ में समारोहपूर्वक सम्मानित भी किया जायेगा।

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