देहरादून: टिकट की दौड़ में पिछड़ने के बाद भी निकाय चुनाव में ताल ठोकने की दावेदारों की रणनीति कई जगह असर कर गई। उनके दबाव का ही नतीजा रहा कि दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस को निकाय चुनाव की नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन कुछ जगह प्रत्याशी बदलने को मजबूर होना पड़ा। गढ़वाल मंडल में कांग्रेस ने दो निकायों में अध्यक्ष पदों पर प्रत्याशी बदले तो भाजपा ने एक निकाय में। यही नहीं, निकायों में कई जगह वार्ड प्रत्याशी भी बदले गए। दोनों दलों की इस कसरत को डैमेज कंट्रोल की कड़ी के तौर पर देखा जा रहा है। निकाय चुनाव के लिए टिकट वितरण होने के बाद भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दलों को जगह-जगह नाराजगी के सुरों से दो-चार होना पड़ रहा है। टिकट न मिलने से नाराज कई दावेदारों के निर्दलीय ताल ठोकने के एलान से दलों की पेशानी पर बल पड़ गए थे। इसी के चलते दलों ने कुछ जगह प्रत्याशी बदले हैं, ताकि असंतोष के सुर कुछ हद तक थामे जा सकें। इस कड़ी में कांग्रेस ने गढ़वाल मंडल मुख्यालय पौड़ी की नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद पर अब सरिता नेगी को प्रत्याशी बनाया है, जबकि पहले विनोद बिष्ट को प्रत्याशी बनाया गया था।इसी प्रकार बड़कोट नगर पालिका में अब लालदेई की जगह कांग्रेस ने अनुपमा रावत को टिकट दिया गया है। वहीं, भाजपा ने लक्सर नगर पालिका परिषद में अब अंबरीश को टिकट दे दिया है, जबकि पहले सचिन अग्रवाल को प्रत्याशी बनाने की घोषणा हुई थी। भाजपा ने नगर निगम देहरादून में डोभाल चौक और धामावाला वार्ड में प्रत्याशी बदले हैं। राज्य के अन्य निकायों में भी भाजपा व कांग्रेस की ओर से वार्ड प्रत्याशी बदलने की सूचना है। अब देखने वाली बात होगी कि प्रमुख सियासी दलों की प्रत्याशियों को बदलने की रणनीति कितनी कारगर साबित हो पाती है।