कोर्ट के पास पकड़ा गया हत्‍यारा

 पानीपत – हरियाणा को दहलाने की पूरी तैयारी थी। इससे पहले कि कोई बड़ी वारदात को अंजाम दिया जाता, बदताश को पकड़ लिया गया। जींद में कोर्ट के पास डिटेक्टिव स्टाफ ने सतबीर उर्फ झब्बल गैंग के हिस्ट्री शीटर गांव तारखां निवासी सुनील को 6 आधुनिक पिस्तौल व पांच मैगजीन के साथ काबू किया है। पकड़े गए आरोपित पर प्रदेश के विभिन्न थानों में 36 अपराधिक मामले दर्ज हैं और पांच मामलों में सजायाफ्ता है। जेल से गैंग चल रहा है। पानीपत सहित कई जिलों में है इनका खौफ।हरियाणा के अलावा आरोपित ने राजस्थान में भी वारदातों को अंजाम दिया हुआ है। हरियाणा पुलिस ने इसके लिए राजस्थान पुलिस से भी डिटेल मांगी है। पकड़े गए आरोपित ने खुलासा किया कि कुरुक्षेत्र जेल में बंद शातिर बदमाश सतबीर उर्फ झब्बल ने फोन से उसके संपर्क में था और उसके ही कहने पर मध्यप्रदेश से इन हथियारों को पांच लाख रुपये में खरीदकर लगाया था। इन हथियारों को झब्बल के गुर्गों को देकर जींद जिले में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देना था। पुलिस ने आरोपित को अदालत में पेश करके आठ दिन के रिमांड पर लिया है डीएसपी पुष्पा खत्री, डिटेक्टिव स्टाफ इंचार्ज सुरेंद्र कुमार ने बताया कि डिटेक्टिव स्टाफ को वीरवार रात को सूचना मिली कि शातिर बदमाश सुनील तारखां जिला कोर्ट के बाहर हथियारों के साथ खड़ा है। सूचना के आधार पर छापेमारी की। जहां पर 6 पिस्तौल व 5 मैगजीन के साथ काबू किया। आरोपित ने बताया कि जिला कोर्ट के बाहर झब्बल गैंग का गुर्गा आना था और उसको ही यह हथियार उपलब्ध करवाने थे। आरोपित सुनील तारखां अपराधिक मामलों में जींद जेल में बंद था, लेकिन 18 माह पहले वह पैरोल पर चला गया था। इसी बीच में कुरुक्षेत्र जेल में बंद शातिर बदमाश सतबीर उर्फ झब्बल ने जेल में से ही फोन पर सुनील तारखां से संपर्क करके उसके गुर्गों के लिए हथियारों की व्यवस्था करने के लिए कहा। इस पर सुनील तारखां मध्यप्रदेश से अवैध तरीके से पांच लाख रुपये में 6 आधुनिक सुविधाओं से लैस हथियार खरीदकर लगाया था।पकड़े गए आरोपित ने खुलासा किया कि इससे पहले वह प्रदीप जमावड़ी गैंग से जुड़ा हुआ था। वर्ष 2017 में गैंगवार के चलते बदमाशों ने प्रदीप जमावड़ी की हत्या कर दी थी। उसके बाद से वह जेल में बंद था और इसी बीच में सतबीर उर्फ झब्बल के संपर्क में आ गया और झब्बल गैंग के लिए काम करने लगा। जेल से बाहर निकलने के बाद 18 माह से वह झब्बल के कहे अनुसार ही काम कर रहा था।हिस्ट्री शीटर सुनील तारखां ने वर्ष 2003 ने अपराध की दुनिया में कदम रखा। 25 जनवरी 2003 में जुलाना थाना में गिरोहबंदी का मामला दर्ज हुआ। महम थाना में 25 जनवरी 2003 को लूट का मामला दर्ज। सदर थाना नरवाना में 27 जनवरी 2004 को हत्या प्रयास का मामला दर्ज। सिटी थाना हांसी में 8 अक्टूबर 2003 हत्या प्रयास का मामल दर्ज। थाना बवानी खेड़ा में 8 जनवरी 2004 को लूट, हत्या व डकैती का मामला दर्ज, सिटी थाना हांसी में 1 जनवरी 2004 को हत्या का मामला दर्ज। सिटी थाना हांसी में 31 जनवरी 2004 को हत्या प्रयास का मामला दर्ज। कलायत थाना में 28 अगस्त 2004 को हत्या प्रयास का मामला दर्ज। भूना थाना में 9 सितंबर 2004 को फिरौती व हत्या प्रयास का मामला दर्ज। सिटी थाना हांसी में 29 सितंबर 2004 को शस्त्र अधिनियम, सिविल लाइन थाना सोनीपत में 21 जुलाई 2007 को जेल से भगौड़ा अपराध का मामला दर्ज। उचाना थाना 20 फरवरी 2007 को गिरोहबंदी का मामला दर्ज, रानियां थाना 27 फरवरी 2007 को अपहरण का मामला दर्ज, सिटी थाना हांसी में 1 जनवरी 2007 को हत्या का मामला दर्ज।

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