आतंकियों के हमले में शहीद हुए राजेंद्र सिंह को सीएम ने की श्रद्धांजलि अर्पित

पिथौरागढ़: जम्मू कश्मीर में आतंकियों के हमले में शहीद हुए राजेंद्र का शव पिथौरागढ़ पहुंचने पर क्षेत्र का माहौल गमगीन हो गया। इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।

ब्रिगेड हैड क्वार्टर क्षेत्र में शहीद का शव पहुंचा। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, स्टेशन कमांडर, डीएम, एसपी सहित जनप्रतिनिधियो, सैन्य अधिकारियों, पूर्व सैनिकों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर मातमी धुन के बीच पुष्पचक्र अर्पित किए।

राजेंद्र सिंह गंगोलीहाट तहसील के बुंगली क्षेत्र के मूल निवासी थे। उन्हें इसी दीपावाली पर छुट्टी लेकर घर पहुंचना था, लेकिन शुक्रवार को उसकी शहादत की खबर ने परिजनों, दोस्तों एवं क्षेत्रवासियों को स्तब्ध कर दिया।

बुंगली क्षेत्र के बडेनाकुंड गांव का रहने वाले राजेंद्र सिंह बुंगला शुक्रवार को अनंतनाग जिले के काजीकुंडाताल में पेट्रोलिंग पर थे। इसी दौरान आतंकवादी हमला हो गया। बहादुरी से लड़ते हुए राजेंद्र ने शहादत दे दी।

23 वर्ष के राजेंद्र के सीमा पर शहीद होने की जानकारी मिलते ही बुंगली क्षेत्र में शोक की लहर है। शहीद के पिता चंद्र सिंह गांव में ही खेतीबाड़ी कर आजीविका चलाते हैं। मां मोहिनी देवी गृहणी हैं। तीन बहनों के इकलौते अविवाहित भाई राजेंद्र की बड़ी बहन रेखा की शादी हो चुकी है। दो छोटी बहन खीमा और पूजा की जिम्मेदारी राजेंद्र के कंधों पर ही थी।

राजेंद्र तीन वर्ष पूर्व ही जाट रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। इकलौते पुत्र की शहीद होने सूचना से मां-पिता सदमे में हैं। मां बार-बार बेहोश हो रही हैं। छोटी बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

होनहार थे राजेंद्र

राजेंद्र काफी होनहार थे। विज्ञान वर्ग से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद उसने सेना में जाने लक्ष्य तय किया था और इसमें सफल रहे। एक माह पूर्व तक वह बरेली में पोस्टेड थे। इसके बाद उसकी तैनाती जम्मू कश्मीर में हो गई। 15 दिन पूर्व ही वह जम्मू कश्मीर पहुंचे थे।

जम्मू कश्मीर के हालात चिंताजनक

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि जम्मू कश्मीर में जो हो रहा है वह चिंता का विषय है। इस बारे में सोचना होगा। मानवाधिकार की पैरवी करने वालो की आंखे खुलनी चाहिए।

शहीद राजेंद्र को श्रद्धांजलि देने के बाद सीएम ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि यह घटना सोचनीय है। मानवाधिकार संगठनों की आंख खुलनी चाहिए। इस तरह की हरकत करने वालों को मासूम समझने वालों को अब हकीकत का पता लग चुका है।
सीएम रावत ने कहा कि आज एक जवान की शहादत से माता, पिता औऱ दो बहनों का सहारा चला गया है। देश का हर जवान देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात है। आतंकियों के आकाओ को समझ लेना चाहिए कि हमारी सेना और अर्धसैनिक बल उन्हें सबक सिखाने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि शहीद जवान के परिवार के साथ पूरा देश है।

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