नई दिल्ली। आज देश सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती मना रहा है। देश के पहले गृहमंत्री रहे वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर आज गुजरात के नर्मदा जिले के केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण किया जाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व की इस सबसे बड़ी प्रतिमा को देशवासियों को समर्पित करेंगे। पीएम मोदी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए केवडिया पहुंच चुके हैं। मोदी मंगलवार देर रात ही गुजरात पहुंच गए थे। 182 मीटर ऊंची इस प्रतिमा को बनाने में हजारों मजदूर व सैकड़ों इंजीनियर तो महीनों तक जुटे ही साथ ही अमेरिका, चाइना से लेकर भारत के शिल्पकारों ने भारी मेहनत की। सरदार का चेहरा कैसा हो और भावभंगिमा कैसी हो इसे तय करने में काफी समय लग गया।
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अनावरण कार्यक्रम की तैयारी
- सरदार वल्लभभाई पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा के अनावरण के लिए पीएम मोदी केवडिया पहुंचे।
- प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वैली ऑफ फ्लॉवर’ का उद्धघाटन किया।
- कैसे बनीं, क्या है खूबी
- करीब 44 माह के रिकार्ड समय में निर्मित इस प्रतिमा पर करीब 2332 करोड़ रुपये की लागत आई।
- प्रतिमा के निर्माण में 70,000 टन सीमेंट, 22,500 टन स्टील व 1,700 मीट्रिक टन तांबा लगा है।
- प्रतिमा भूकंप रोधी है जो 6.5 तीव्रता के भूकंप को सहन कर सकती है और 220 किमी प्रति घंटा की तेज हवा का सामना कर सकती है।
- चार धातुओं से बनी इस प्रतिमा को जंग छू भी नहीं सकेगा। निर्माण में 85 फीसद तांबा का उपयोग किया गया है।
- अमेरिका की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण में पांच साल लगे थे। चीन में बुद्ध की प्रतिमा के निर्माण में करीब 90 साल लगे थे।
- प्रतिमा के पास ही 17 किमी लंबी वैली ऑफ फ्लावर तैयार की गई है। यहां दुनिया के विविध फूलों की किस्म के साथ नमो फूल भी देखे जा सकेंगे।
- पर्यटकों के लिए एक टेंट सिटी और सरदार पटेल को समर्पित एक म्यूजियम भी बनाया गया है।
- 55 मंजिला (करीब 600 फीट) प्रतिमा के हृदयस्थल 153 मीटर की ऊंचाई तक लोग लिफ्ट से पहुंचकर वहां से 138 मीटर ऊंचे सरदार सरोवर बांध को देख सकेंगे।
- युवाओं के लिए यहां सेल्फी पॉइंट बनाए गए हैं।