देहरादून: प्रदेश में यह वर्ष सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से काफी खराब रहा है। इस वर्ष सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भले ही कम हो, लेकिन बीते तीन वर्षो के मुकाबले सबसे अधिक मौत हुई हैं। इस वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में 772 लोग अकाल मौत का शिकार बने हैं। बीते वर्ष यह आंकड़ा 698 था। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में ये आंकड़े प्रस्तुत किए गए। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सड़क दुर्घटना के सबसे अधिक आंकड़ों वाले नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और देहरादून जिले में सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
गुरुवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर गठित सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई। बैठक में यह बात सामने आई कि वर्ष 2018 में दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई है। इस वर्ष 1078 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं जबकि वर्ष 2017 में 1178 और वर्ष 2016 में 1192 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं। कम दुर्घटनाओं के बावजूद इस वर्ष सबसे अधिक मौत हुई हैं।
पुलिस महानिदेशक एके रतूड़ी ने बढ़ी संख्या का कारण पौड़ी के धुमाकोट मार्ग पर हुई दुर्घटना को बताया जिसमें 48 यात्रियों की मौत हुई थी। इस दौरान मुख्य सचिव ने राज्य में चिह्नित 130 ब्लैक स्पॉट को ठीक करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि लोनिवि कार्यदायी संस्था एनएच एवं एनएचआइ तथा बीआरओ के अंतर्गत ठीक किए गए ब्लैक स्पॉट की निरंतर समीक्षा की जाए। इस दौरान उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं के कारणों यथा बिना हेलमेट, मोबाइल पर बात करना, तेज ड्राइविंग, शराब पीकर वाहन चलाना, ओवर लोडिंग के प्रति निरंतर अभियान चलाने के भी निर्देश दिए। इस दौरान पुलिस और परिवहन विभाग ने यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों की कार्यवाही का ब्योरा भी बैठक में रखा। बैठक में सचिव परिवहन शैलेश बगोली, अपर आयुक्त परिवहन सुनीता सिंह व मुख्य अभियंता लोनिवि हरिओम शर्मा समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।