गोपेश्वर: सोने के सिंहासन के बाद भगवान बदरी नारायण अब सोने की छत के नीचे विराजमान हो गए हैं। सहारनपुर मूल के गुप्ता बंधुओं ने गर्भगृह मंदिर की छत के बाहरी हिस्से में तकरीबन पांच किलो सोने की परत चढ़ाई है। दस कारीगरों ने दो दिन के अंतराल में यह काम पूरा कर लिया। बदरी-केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने इसकी पुष्टि की है। करीब एक साल पहले सहारनपुर निवासी अजय गुप्ता, अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता ने भगवान बदरीनाथ के गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाने की इच्छा जाहिर की थी। लेकिन, इस बीच भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे दक्षिण अफ्रीका के तत्कालीन राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ व्यापारिक रिश्तों से गुप्ता बंधु के चर्चा में आने से इसमें रोड़ा अटक गया। मंदिर समिति की हिचकिचाहट के चलते तब वह ऐसा नहीं कर पाए। इसके बाद इस साल जून में बदरीनाथ धाम में हुए एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान गुप्ता बंधुओं ने मंदिर में सोने की परत चढ़ाने की कोशिश की, लेकिन मंदिर समिति की एक राय न होने के कारण पेच फंस गया। विवाद से बचने के लिए मंदिर समिति ने राज्य सरकार के पाले में गेंद सरका दी थी। समिति ने उद्योगपति गुप्ता बंधुओं से दान के रूप में मिलने वाली सोने की परत मंदिर चढ़वाने की अनुमति सरकार से मांगी। इस बीच, मंदिर समिति भंग हो गई और सरकार के इस फैसले को लेकर एक पक्ष ने न्यायालय की शरण ले ली, प्रकरण अभी विचाराधीन है। इधर, मंदिर समिति की अनुमति पर गुप्ता बंधुओं ने दो रोज पहले भगवान नारायण के गर्भगृह मंदिर की छत पर बाहर की तरफ से सोने की परत चढ़ाने का काम शुरू किया, रविवार को इसे पूरा कर लिया गया। मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह ने बताया कि वृंदावन से आए दस कारीगरों ने यह काम पूरा किया। इसमें कितना सोना लगा है, इस पर उन्होंने कहा कि दानदाता से बिल और अन्य वैधानिक दस्तावेज का अध्ययन कर ही यह बताना संभव हो पाएगा।