हरिद्वार: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वे छह नवंबर को अयोध्या जा रहे हैं। जहां से वे राम मंदिर निर्माण के सिलसिले में देश को खुशखबरी देंंगे। साथ ही उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि हमसे राम के होने का प्रमाण मांगा जा रहा है। अब इस मसले का समाधान देश की जनता ही निकालेगी। योगी आदित्यनाथ रविवार को हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ में आयोजित दो दिवसीय ज्ञानकुंभ के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा ने मनुष्य को संकुचित बना दिया है। इसकी वजह भारतीय शिक्षा में नैतिकता और मानवतावादी दृष्टिकोण का अभाव है।गुरुकुल में इस पर खास फोकस किया जाता था। इससे समाज में सौहार्द की भावना विकसित होती थी, लेकिन वर्तमान में इसका हा्रस हो रहा है। शिक्षा में गुणात्मक बदलाव लाकर इस विकृति को दूर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस पर भी विचार किया जाना चाहिए कि हमसे कहां चूक हुई। भारतीय संस्कृति परंपरा के अनुरूप विकास की राह पर बढऩे की बजाय पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण ने इस तरह के हालात पैदा किए। उच्च शिक्षा संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वह समाज को इस स्थिति से बाहर निकालें।