मनुष्य का जीवन एक सघंर्ष की तरह

देहरादून,(निशान्त भारती)।मुनष्य के जीवन में बहुत से चीजे सामिल है। वो मनुष्य के उपर निर्भर करता है कि मनुष्य कैसी चीजों को ग्रहण करता और कैसी चीजों को नहीं। मनुष्य का जीवन एक सघंर्ष की तरह है। जोकि सोचता रहता हैं खुद को व अपने परिवार को खुश रख सकूॅ इसलिए वह अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा सघंर्ष करते है। मनुष्य सोचता हैं कि हमारे बच्चें अच्छे पढ़ लिखकर अपना भविष्य बना सकें। जिससे आने वाले भविष्य में समस्या का सामना न करना पड़ें। जिस तहर हमें अपने जीवन में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। एक माता-पिता ऐसे व्यक्ति होते है। कि अपनी समस्या व अपने बच्चों कोे समस्या को लेकर भी अपने चहरे पर बच्चों के सामने खुश दिखने की कोशिश करते है। मै कहता हॅू कि बच्चें अपने आप को खुद भविष्य में तभी सफल कर पायेंगे जब वह अपनी समस्या को खुद के उपर ले। जीवन में आने वाली जितनी भी समस्या हो पहले खुद से समस्या का समाधान करने की सोचें। कुछ ऐसी भी समस्या होती हैं जिनका समाधान करने में समय भी लगता हैं अगर मनुष्य ऐसा सोचें की समस्या का समाधान जल्द हो तो ऐसा असम्भव हैं जब समस्या खुद से बाहर हो जाये कि आपके बस में नहीं उस समस्या का समाधान तो आप सबसे पहले अपनी समस्या माता-पिता से कहे। मेरा कहना कि उस समस्या का समाधान जरूर मिल जायेगा। अगर जीवन में समस्या है। तो समाधान भी है। कुछ बच्चें ऐसे होते हैं कि समस्या का समाधान न होने पर सुसाइड कर लेते है लेकिन मेरा कहना हैं कि मनुष्य के जीवन में सुख और दुख तो आते रहते है। हमें अपने जीवन का इतनी जल्दी फैसला नहीं करना चाहिए। क्योंकि हमारे उपर भी किसी की आशा व विश्वास टीका है। तो जीवन में सोच समझकर चलें अगर आप कोई भी काम कर रहे हो तो सबसे पहले अपने माता-पिता व अपने मित्र से भी सुझाव ले सकते हैं सबसे पहले अपने दिल से पूच्छा कि क्या मैं ये सही कर रहा हूॅ या नहीं यदि आपका मन नहीं कहता तो आप उस काम मत जाइये। क्योंकि आप अदांज नहीं लगा सकते कि आने वाला भविष्य क्या होगा क्या पता आपकेे उस एक कदम उठाने से आपके भविष्य में जीवन भर के लिए वाधा भी आ सकती हैं ऐसा होता है। कि जब हम भविष्य को सुधारने केे लिए निकलते हैं तो हमे ये महशुश नहीं कर पाते हम गलत कर रहे हैं या सही बस चलते रहते हैं। मनुष्य के जीवन में कभी ऐसा भी वक्त आता हैं कि वो खुद को अकेला सा महशूश करता है। सोचता है। कि बहुत दूर चला अपने से जहॉ किसी अपनों की आवाज न आये। लेकिन ऐसा सोचना गलत हैं मनुष्य के जीवन में कितनी भी समस्या आये कभी अपनी इच्छा से दूर जाने की गलती न करे चाहे दूर जाने की वजह भविष्य से सम्बंधी हो प्यार से सम्बंधी क्योंकि अगर आप अपने से दूर जाते हो तो आप जिन्दगी में अपनों से मिलने के लिए तरस जाओंगे। समस्या को सामना करे। तभी आप अपने लक्ष्य को पाने में सफल हो पायेंगे।

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