राज्य सरकार व एनआइटी से मांगा जवाब

नैनीताल : श्रीनगर गढ़वाल स्थित राष्टï्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान शिफ्टिंग विवाद अब हाई कोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए राज्य सरकार, केंद्र सरकार तथा एनआइटी को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।एनआइटी के पूर्व छात्र जसबीर सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि स्थापना के नौ साल बाद भी स्थाई कैंपस का निर्माण नहीं किया गया। छात्रों द्वारा अर्से से स्थाई परिसर की मांग की जा रही है, मगर उनकी मांग को अनसुना किया जा रहा है। जिस भवन में एनआइटी संचालित हो रहा है, वह काफी जर्जर हाल है और कभी भी हादसा हो सकता है। याचिकाकर्ता के अनुसार स्थाई कैंपस की मांग कर रही एक छात्रा की सड़क हादसे मे मौत हो चुकी है जबकि दूसरी गंभीर है। गंभीर छात्रा के उपचार का छात्र राज्य सरकार व एनआइटी वहन करे। याचिका में कहा गया है कि या तो एनआइटी के स्थाई परिसर का निर्माण किया जाए, या संस्थान को वहां शिफ्ट किया जाए, जहां एनआइटी स्तर की सुविधाएं हों। हालांकि राज्य सरकार ने एनआइटी को शिफ्ट करने संबंधी अटकलों को खारिज किया है। खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत साफ कर चुके हैं कि श्रीनगर एनआइटी को किसी भी हाल में शिफ्ट नहीं किया जाएगा।इधर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने मामले को बेहद गंभीर मानते हुए राज्य व केंद्र सरकार के साथ ही एनआइटी को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने साफ किया है कि हर हाल में जवाब तीन सप्ताह में दाखिल होना चाहिए।

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