चमोली। शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट मंगलवार को दोपहर बाद 3.21 बजे बंद कर दिए गए हैं। इस अवसर पर 5237 तीर्थयात्री बदरीविशाल के दर्शन को पहुंचे। धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चार धाम यात्रा ने भी औपचारिक रूप से विराम ले लिया है। कपाटबंदी से पहले भगवान नारायण का फूलों से शृंगार किया गया।
कपाट बंदी के अवसर पर बदरीपुरी सेना के बैंड की धुनों से गुंजायमान रही। गढवाल स्कॉॉट, ग्रीफ, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर मंदिर समिति, चौहान टैंट हाउस ने भंडारे आयोजित किया। इसके साथ आज ही श्री माता मूर्ति मंदिर औरवं भविष्य बदरी मंदिर सुवाई (तपोवन ) के कपाट भी बंद किए गए।
परंपरा के अनुसार सुबह धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने भगवान बदरी नारायण के प्रतिनिधि के रूप में परिक्रमा परिसर स्थित लक्ष्मी मंदिर में जाकर मां लक्ष्मी को भगवान के साथ गर्भगृह में विराजने का न्यौता दिया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान का अंतिम आभूषण शृंगार दर्शन भी किया।
कपाटबंदी से पूर्व भगवान का श्रद्धालुओं द्वारा लाए गए फूलों से शृंगार किया गया। इसके साथ ही मंदिर और मंदिर परिसर को भी फूलों से सजाया गया।