अगले साल होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनाव की तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में बड़ा राजनीतिक बदलाव करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, लंबे समय से दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीष उपाध्याय की छुट्टी कर दी गई है। इनके स्थान पर भाजपा के सबसे लोकप्रिय पूर्वांचली चेहरा, भोजपुरी गायक-अभिनेता से नेता बने मनोज तिवारी को भाजपा अध्यक्ष बनाया जाएगा।
राजनीति के जानकारों का कहना है कि पार्टी के नगर निगम चुनाव के लिए तैयार दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष पद के लिए दौड़ में सबसे आगे के रूप में उभरा है।
मनोज तिवारी के अलावा उत्तर पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद पवन शर्मा और पूर्वी दिल्ली के सांसद महेश गिरी भी शीर्ष पद के लिए प्रमुख दावेदार थे, लेकिन भोजपुरी गायक-अभिनेता को मौका मिलना तय माना जा रहा है। इसका एलान कभी भी हो सकता है।
मनोज तिवारी के सियासी सुर-ताल, गाना गाकर बताया CM केजरीवाल का हाल
बता दें कि भोजपुरी अभिनेता-गायक मनोज तिवारी को दिल्ली में खासी पैठ रखने वाले पूर्वांचली मतदाताओं के बीच काफी लोकप्रियता हासिल है। लोकसभा चुनाव में जीत के रूप में प्रारंभिक सफलता ने उन्हें भाजपा की दिल्ली की राजनीति का एक महत्वपूर्ण चेहरा बना दिया था।
बताया जा रहा है कि मनोज तिवारी के नाम पर सहमति तीनों एमसीडी के 13 वॉर्डों में हुए उपचुनावों से पहले ही बन गई थी, लेकिन बीच में उप चुनावों की वजह से प्रदेश अध्यक्ष को बदलने के मसले को कुछ समय के लिए टाल दिया गया था। अब जाकर इसका एलान होना तय हुआ है।
मनोज तिवारी का सियासी सुर, केजरीवाल को बताया विदेशी दुश्मन का एजेंट
पूर्वांचल के मतदाताओं पर है नजर
जाने-माने फिल्म अभिनेता मनोज तिवारी को दिल्ली भाजपा का अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे पार्टी का एक खास मकसद की बात कही जा रहा है। भाजपा दिल्ली में कांग्रेस के सेंट्रल लेवल के नेता अजय माकन और आप के केजरीवाल की टक्कर में किसी लोकप्रिय शख्स को अध्यक्ष बनाना चाहती थी।
मनोज तिवारी पूर्वांचल से हैं और अनुमान के मुताबिक दिल्ली में पूर्वांचल के लोगों की तादाद 40 फीसदी के आसपास है। दिल्ली की कई सीटों पर पूर्वांचल के वोटर दूसरे वोटर्स से ज्यादा हैं।
खास बात यह है कि पूर्वांचल के लोगों की ज्यादा संख्या अनऑथराइज्ड कॉलोनियों में है। भाजपा को तिवारी के आने से फायदा मिलने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि मनोज तिवारी दिल्ली की नॉर्थ-ईस्ट सीट से सांसद हैं और पूर्वांचलियों के बीच खासे लोकप्रिय भी हैं। दूसरी ओर, दिल्ली में दिन-प्रतिदिन पूर्वांचलियों का बोलबाला बढ़ता जा रहा है।
इस वक्त दिल्ली में करीब 50 फीसदी वोटर पूर्वांचली हैं। ऐसे में इस तरह के तमाम समीकरणों को देखते हुए पार्टी आलाकमान का मानना है कि प्रदेश अध्यक्ष के लिए सांसद तिवारी ही उचित होंगे।