नई दिल्ली। अगर संवैधानिक नैतिकता सरकार की कार्रवाई की कसौटी है तो इसे एकदम स्पष्ट परिभाषित किये जाने की जरूरत है, यह अलग-अलग न्यायाधीशों के लिए भिन्न नहीं हो सकतीं। इसमें हर हाल में सहमति और समरूपता होनी चाहिए।
यह बात कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संविधान दिवस के मौके पर विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में बोलते हुए कही। कानून मंत्री यह टिप्पणी इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि कई बार अदालतें संवैधानिक नैतिकता के नाम पर सरकार की कार्रवाई को असंवैधानिक ठहरा देती हैं। ऐसे में कानून मंत्री का संवैधानिक नैतिकता को स्पष्ट परिभाषित किये जाने और उसके न्यायिक मानक तय किये जाने की जरूरत पर बल देने के मायने निकलते हैं।
हर वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। 1949 को इसी दिन देश ने संविधान स्वीकार किया था और 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ था।