देहरादून। बीमा पॉलिसी के नाम पर दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से पांच लाख रुपये से अधिक की ठगी करने के तीन आरोपितों को पटेलनगर पुलिस ने गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। तीनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
डॉ. प्रदीप भारती की ओर से इस मामले में बीते 28 अगस्त को मुकदमा दर्ज कराया गया था। उन्होंने एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस से बीमा कराया था। इसी पॉलिसी को लेकर उन्हें एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को एचडीएफसी बैंक का कर्मचारी बताया और कहा कि उनकी पॉलिसी पूरी हो चुकी है। जिसका निस्तारण कराया जाना है।
इसके लिए उसने किसी उपासना सेठी का नंबर देकर उनसे संपर्क करने के लिए कहा। बताया कि जब उन्होंने उपासना सेठी से संपर्क किया तो उसके कहने पर उन्होंने आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो व एक कैंसिल चेक और एक लाख रुपये दे दिए। इसके बाद उसने बैंक मैनेजर नितिन चौधरी से संपर्क करने को कहा।
प्राचार्य के मुताबिक, जब उन्होंने नितिन चौधरी के मोबाइल नंबर पर संपर्क किया तो उसके कहने पर उसने अलग-अलग तिथियों में और 4,02,338 रुपये आरोपितों के बताए बैंक खाते में जमा करा दिए। इसके बाद भी जब उनसे 1,62,000 रुपये और जमा कराने के लिए कहा गया तो उन्होंने एचडीएफसी बैंक से संपर्क किया।
इसके बाद पता चला कि उपासना व नितिन चौधरी नाम के कोई भी कर्मचारी वहां काम नहीं करते हैं। जिसके बाद उन्हें ठगी का एहसास हुआ। इंस्पेक्टर सूर्यभूषण नेगी ने बताया कि डॉ. को जिन नंबरों से फोन आया था। उन नंबरों को सर्विलांस पर लगाकर जांच की गई तो पता चला कि तीनों नंबर गाजियाबाद में चल रहे हैं।
इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपितों की पहचान गौरव वर्मा पुत्र राजकुमार वर्मा निवासी बाघवाली, शास्त्रीनगर गाजियाबाद, मुकेश कुमार पुत्र मनवीर सिंह निवासी कृष्णा विहार, गाजियाबाद व अमित झा पुत्र रतनजी निवासी संजय नगर, गाजियाबाद के रूप में हुई है।
कॉल सेंटर चलाते थे आरोपित
तीनों आरोपित गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में कॉल सेंटर चलाते थे। यहीं इंटरनेट पर सर्च करते थे कि किसकी पालिसी चल रही है और किसकी डेड हो गई है। ऐसे लोगों के बारे में पूरी जानकारी जुटाकर संबंधित को फोन करते थे। इससे पालिसी कराने वालों को विश्वास हो जाता था कि फोन करने वाला व्यक्ति वास्तव में बीमा कंपनी या बैंक का कर्मचारी है।