आयुष्मान भारत योजना पर नया विवाद

रायपुर। केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना को लेकर छत्तीसगढ़ में पहले दिन से उपजा विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। विवाद की एक नहीं, कई वजहें हैं और इन सबका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। अब नया विवाद बीमा कंपनी रेलिगेयर के उस फरमान का है,जिसे लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए), हॉस्पिटल बोर्ड ने पीएमओ के साथ आयुष्मान भारत की राष्ट्रीय नोडल एजेंसी को ईमेल कर दिया है। इसमें लिखा है- ‘कंपनी मरीजों की अस्पताल में भर्ती की तस्वीर मांग रही है। उस हिस्से की, जिसका इलाज जारी है। मरीज की तस्वीर जनरल वार्ड की होनी चाहिए।’ यह मेडिकल एथिक्स के खिलाफ है, यह किसी भी स्थिति में उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती। फिलहाल आइएमए ने सभी सदस्यों को निर्देशित किया है कि मेडिकल एथिक्स और मरीजों की गोपनीयता/निजता का पूरा ख्याल रखा जाए। उधर पूर्व में चल रहे सभी विवाद जस के तस हैं। आइएमए 11 दिसंबर को आने वाले चुनावी नतीजों का इंतजार कर रही है। वह नवगठित सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखेगी। विभाग सार्वजनिक करे निजी अस्पताल द्वारा किए क्लेम को आइएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक त्रिपाठी कह रहे हैं कि अफसर सीधे बीमा कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। अगर 245 निजी अस्पताल इलाज कर रहे हैं तो आंकड़े सार्वजनिक किए जाएं। आइएमए तो पहले दिन से ही मांग कर रहा है। अफसर इसलिए डर हैं क्योंकि निजी अस्पताल गिनती के क्लेम कर रहे हैं, अगर वे आंकड़े सार्वजनिक करेंगे तो झूठ पकड़ा जाएगा। पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत के तहत पीएम जनआरोग्य योजना की लांचिंग झारखंड से की थी। इसके बाद ही छत्तीसगढ़ आइएमए, हॉस्पिटल बोर्ड ने इसका विरोध शुरू कर दिया था। विरोध का पृष्ठभूमि में पूर्व में आरएसबीवाइ योजना के बकाया 60 करोड़ रुपये, फर्जी कार्ड का भुगतान न होना, आयुष्मान भारत के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी (पारदर्शिता न होना),  रएसबीवाइ की दरें आयुष्मान में लागू होंगी लेकिन न होना जैसे अहम मुद्दों को लेकर प्रदेशभर के निजी अस्पताल संचालकों ने योजना का बहिष्कार कर दिया था। आइएमए का दावा है कि वही स्थिति आज भी बनी है। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग ने इलाज न करने वाले 45 अस्पताल से अनुबंध खत्म करते हुए उन्हें सभी योजनाओं से बाहर कर दिया। इसके बाद 245 निजी अस्पतालों की सूची जारी की, जिन्होंने इलाज शुरू कर दिया है। इसके उलट आइएमए कहता आ रहा है कि निजी अस्पतालों ने एक-एक क्लेम किए हैं, इलाज अब भी बंद है।

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