उना (गुजरात)। पाकिस्तान की जेल में एक भारतीय मछुआरे की मौत हो गई। मौत के दो महीने बाद शनिवार को मछुआरे का शव उसके गृहनगर गुजरात के उना पहुंचा। इस साल सितंबर में पाकिस्तान की कराची जेल में गुजरात के मछुआरे नानुभाई कानाभाई सोलंकी की मौत हो गई थी। पिछले साल नवंबर में पाकिस्तानी समुद्री सुरक्षा सेना ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। वजह सिर्फ यह थी कि वह गलती से पड़ोसी देश की समुद्री सीमा में गलती से दाखिल हो गया था। मछुआरे नानुभाई की रिहाई को लेकर पिछले एक साल में खींचतान जारी थी। हालांकि किसी ने भी कभी यह सपने में भी नहीं सोचा होगा कि पाकिस्तान से नानुभाई का शव भारत लौटेगा। कराची जेल में उसकी संदिग्ध मौत पर सवाल उठाए जा रहे हैं। उनकी मौत कैसे हुई या उन्हें जानबूझकर मारा गया, यह अब भी पहेली बना हुआ है। उधर, नानुभाई का पूरा गांव उनकी मौत पर गमगीन है। गांव के सरपंच ने कहा, ‘पूरा गांव नानुभाई के निधन पर शोक में है। पाकिस्तान को इस तरह हमारे मछुआरों से व्यवहार नहीं करना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में पाकिस्तान हमारे लोगों की भावनाओं को समझेगा।’बता दें कि 45 वर्षीय नानुभाई की मौत 20 सितंबर को पाकिस्तानी की कराची जेल में हो गई थी। उनका शव दो महीनों तक कराची के ईद्ही फाउंडेशन के मुर्दाघर में रखा हुआ था। अब दो महीने बाद उसे परिजनों को सौंपा गया है।