देहरादून। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान तब अजीबोगरीब स्थिति हो गई, जब विधायक खजानदास ने कहा कि उनके तारांकित प्रश्न के संबंध में शहरी विकास मंत्री का जवाब उन्हें लिखित में दिए गए जवाब से भिन्न है। इस पर अन्य भाजपा विधायकों ने मामले को गंभीर करार दिया और कहा कि इसमें यदि किसी स्तर पर गड़बड़ी हुई है तो इसे स्वीकारना चाहिए।
हालांकि, विभागीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने जो जवाब दिया है, वही सही है। बाद में पीठ ने विधायक को लिखित में मिले जवाब और मंत्री जवाब को विचार के लिए रख लिया।
दरअसल, विधायक खजानदास ने प्रदेश में सफाई कर्मियों की भर्ती से संबंधित प्रश्न लगाया था। प्रश्नकाल के दौरान इस तारांकित प्रश्न का जब शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने जवाब दिया तो विधायक खजानदास ने कहा कि यह जवाब उन्हें लिखित में मुहैया कराए गए जवाब से भिन्न है।
उन्होंने कहा कि प्रश्न एक ही हैं, मगर उत्तर अलग-अलग हैं। इनमें कौन सा उत्तर सही माना जाए और कौन सा गलत। विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने इस स्थिति पर नाराजगी जताई और कहा कि किसी स्तर पर गड़बड़ी हुई है। इसे गंभीरता से लेना चाहिए। गलती हो सकती है, इसे स्वीकारना चाहिए।
विधायक संजय गुप्ता ने कहा कि सदस्यों को सही जानकारी मिलनी चाहिए। हालांकि, शहरी विकास मंत्री कौशिक ने बताया कि अभी तक मृतक आश्रित से संबंधित 724 प्रकरणों में नियुक्ति दी जा चुकी है, जबकि 58 लंबित हैं। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा सदन को जो जवाब दिया गया है, वही सही है।
‘खाता न बही, जो..’ का जुमला
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का ‘खाता न बही जो वह कह दें वही सही’ का चर्चित जुमला भी सदन में गूंजा। सफाई कर्मियों की नियुक्ति से संबंधित सवाल के दौरान विधायक संजय गुप्ता ने इस जुमले का इस्तेमाल शहरी विकास मंत्री के लिए किया। वे बोले-अब तो ‘खाता न बही, मदन जी जो कहें वही सही।’ इस पर सदन में ठहाके गूंज पड़े।