देहरादून। मुख्यमंत्री के मुख्य निजी सचिव पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली युवती पुलिस को मिल ही नहीं रही है। प्रकरण की जांच कर रहे सीओ सदर पंकज गैरोला की मानें तो डोईवाला में युवती की तलाश करने के साथ विधानसभा के आगंतुक रजिस्टर में दर्ज लोगों के नाम की सूची की पड़ताल के बाद भी न तो युवती का वास्तविक पता मालूम हो सका और न ही उनका मोबाइल नंबर ही मिला।
बता दें कि दो दिसंबर की रात एक न्यूज पोर्टल पर मुख्यमंत्री के मुख्य निजी सचिव पर यौन उत्पीड़न की खबर प्रसारित होने के बाद हड़कंप मच गया था। इसमें अधिकारी की पहचान को लेकर कई तरह से संकेत दिए गए थे। तीन दिसंबर को मुख्य निजी सचिव सुरेश चंद्र जोशी की ओर से एसएसपी को पत्र देकर शिकायत की गई कि कुछ दिनों से डोईवाला निवासी एक युवती की ओर से उन पर आरोप लगाते हुए अधिकारियों को पत्र प्रेषित किए जा रहे हैं। हालांकि, उन पत्रों में महिला के हस्ताक्षर नहीं हैं, लेकिन उसका नाम और पता लिखा हुआ है। देहरादून, जेएनएन। मुख्यमंत्री के मुख्य निजी सचिव पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली युवती पुलिस को मिल ही नहीं रही है। प्रकरण की जांच कर रहे सीओ सदर पंकज गैरोला की मानें तो डोईवाला में युवती की तलाश करने के साथ विधानसभा के आगंतुक रजिस्टर में दर्ज लोगों के नाम की सूची की पड़ताल के बाद भी न तो युवती का वास्तविक पता मालूम हो सका और न ही उनका मोबाइल नंबर ही मिला।
बता दें कि दो दिसंबर की रात एक न्यूज पोर्टल पर मुख्यमंत्री के मुख्य निजी सचिव पर यौन उत्पीड़न की खबर प्रसारित होने के बाद हड़कंप मच गया था। इसमें अधिकारी की पहचान को लेकर कई तरह से संकेत दिए गए थे। तीन दिसंबर को मुख्य निजी सचिव सुरेश चंद्र जोशी की ओर से एसएसपी को पत्र देकर शिकायत की गई कि कुछ दिनों से डोईवाला निवासी एक युवती की ओर से उन पर आरोप लगाते हुए अधिकारियों को पत्र प्रेषित किए जा रहे हैं। हालांकि, उन पत्रों में महिला के हस्ताक्षर नहीं हैं, लेकिन उसका नाम और पता लिखा हुआ है।
पीड़िताओं के सामने न आने से उठे सवाल
भाजपा नेता पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली युवती करीब एक महीने से भूमिगत है। वह अफसरों को गोलमोल जवाब देकर सामने आने से बच रही है, वहीं अब सीएम के मुख्य निजी सचिव पर आरोप लगाने वाली युवती का भी पता नहीं चल रहा है। इससे कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं कि कहीं यह चंद लोगों की सोची-समझी साजिश का हिस्सा तो नहीं।