देहरादून। उत्तराखंड में ‘महाभारत सर्किट’ अब जल्द ही आकार लेगा। राज्य सरकार की ओर से इस सिलसिले में तैयार प्रस्ताव के संबंध में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय पर्यटन मंत्री केजे अल्फोंस से मुलाकात कर चर्चा की। इसके अलावा नैनीताल और मसूरी रोपवे समेत राज्य में प्रस्तावित अन्य कई योजनाओं के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने राज्य के पर्यटन विकास में हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
बैठक में तय हुआ कि महाभारत सर्किट के संबंध में जल्द ही केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय में राज्य की ओर से प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। जनजातीय जौनसार बावर क्षेत्र में देहरादून के चकराता, त्यूणी, देववन और लाखामंडल के साथ ही उत्तरकाशी जिले के पुरोला तक पसरे महाभारत काल के निशा फिर से जीवंत करने के साथ ही इन्हें पर्यटकों की निगाह में लाने के मकसद से राज्य सरकार ने महाभारत सर्किट बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए पूरा मसौदा तैयार कर लिया गया है।
सरकार का मानना है कि इस सर्किट के बनने से वहां न सिर्फ पर्यटक सुविधाएं उपलब्ध होंगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। राज्य की मंशा ये है कि इस सर्किट को केंद्र की स्वदेश दर्शन योजना में शामिल किया जाए। बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस से हुई मुलाकात के दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने महाभारत सर्किट का पूरा खाका उनके समक्ष रखा।
तय हुआ कि इस सिलसिले में जल्द ही राज्य की ओर से केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। केंद्रीय पर्यटन मंत्री नैनीताल और मसूरी रोपवे के निर्माण में भी मदद का भरोसा दिलाया। इस अवसर पर केदारनाथ के लिए स्वीकृत प्रसाद योजना के बारे में भी जानकारी दी गई। बताया गया कि फरवरी तक योजना के कार्य पूर्ण हो जाएंगे। तय हुआ कि फरवरी में केंद्रीय मंत्री अल्फोंस उत्तराखंड आएंगे और इस समेत अन्य योजनाओं का शिलान्यास करेंगे। बैठक में राज्य के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर भी उपस्थित थे।