बेटी से दुष्कर्म और हत्या के दोषी को अदालत ने सुनाई फांसी की सजा

रतलाम/जावरास। साढ़े पांच वर्षीय सौतेली बेटी से दुष्कर्म और हत्या करने पर जावरा की अदालत ने सौतेले पिता को फांसी की सजा सुनाई है। रतलाम जिले में दुष्कर्म और हत्या के मामले में फांसी की सजा का यह पहला मामला है। घटना के करीब आठ महीने बाद यह फैसला आया।पॉक्सो एक्ट के विशेष जज ओपी बोहरा ने पिपलौदा क्षेत्र के गांव में रहने वाले 42 वर्षीय सौतेले पिता भादंवि की धारा 376 एबी में फांसी की अभियुक्त को धारा 302 में भी मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। दोनों धाराओं में पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना किया गया है। इसके अलावा साक्ष्य छिपाने पर धारा 201 में पांच वर्ष के सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माना भी किया गया है। 23 अप्रैल 2018 को अभियुक्त ने सौतेली बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी थी। उसका शव जावरा में दफनाने की तैयारी कर रहा था। अभियुक्त ने बेटी की मौत बुखार से होने की जानकारी पुलिस को दी थी। इसी बीच संदेहास्पद मौत की सूचना पर पुलिस पहुंच गई थी। इसके बाद पुलिस ने शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए जावरा के सरकारी अस्पताल भिजवा दिया था। शॉर्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बालिका के शरीर पर खरोंच और गला दबाने के निशान मिलने पर पुलिस ने पिता के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया और 25 अप्रैल को उसे गिरफ्तार कर लिया। जांच में यह बात सामने आई कि वह बालिका के साथ लगातार दुष्कर्म करता रहा। फाइनल पीएम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि जांच पिपलौदा थाने के तत्कालीन प्रभारी अमित तौलानी ने की थी। मृतका की मां के बयान से पता चला कि वह अभियुक्त की तीसरी पत्नी है। अभियुक्त उसकी बेटी पर गलत नजर रखता था और घटना वाले दिन उसने बेटी के साथ मारपीट कर उसकी हत्या कर दी थी। चार दिन बाद पुलिस को फाइनल पीएम रिपोर्ट मिली। उसमें लैंगिक हमले की पुष्टि की गई थी। इसके बाद मामले में दुष्कर्म की धारा बढ़ाई गई।

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