देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि शहीद सैनिकों के सम्मान में देहरादून में जल्द ही एक भव्य शहीद स्मारक का निर्माण करवाया जाएगा। यह अत्याधुनिक शहीद सैनिक स्मारक सभी सुविधाओं से युक्त होगा जिसमें शहीद सैनिकों की सभी जानकारियां डिजिटलाइज होंगी। स्मारक के लिए उपयुक्त स्थान ढूंढा जा रहा है। देश व दुनिया के लोग देख सके कि वीरभूमि उत्तराखण्ड के नौजवानों ने देश सेवा में कितना महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भव्य स्मारक से युवाओं को देश सेवा, वीरता व साहस की प्रेरणा मिलेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार सैनिकों के कल्याण व सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वन रैंक वन पेंशन लागू किया गया तथा सैन्य सेवा की अन्य पेंशन विसंगतियों को दूर करने के लिए कमीशन बनाया गया है। जल्द ही कमीशन की रिर्पोट के आधार पर पेंशन विसंगतियों को दूर कर दिया जाएगा। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा मिल्ट्री व पैरा मिल्ट्री फोर्स के शहीद सैनिकों के आश्रित को शासकीय सेवा में नौकरी देने का निर्णय लिया गया है जिसके सम्बन्ध में शासनादेश जारी हो चुका है। सभी जिलाधिकारियों को भी इस सम्बन्ध में निर्देश जारी कर दिए गए है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को जोगीवाला देहरादून में हिन्दू जागरण मंच द्वारा आयोजित ‘‘बलिदानों की माटी को नमन’’ कार्यक्रम में शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज द्वारा शहीदों को सम्मान देश व देश की माटी का सम्मान है। शहीद किसी क्षेत्र, जाति, धर्म विशेष के नहीं होते बल्कि पूरे राष्ट्र का गर्व होते है, हर नागरिक को उन पर गर्व होता है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी के समय कारगिल का ऐतिहासिक युद्ध लड़ा गया। कारगिल का युद्ध विषम परिस्थितियों में लड़ा गया छदम युद्ध था जिसे स्व0 अटल जी की सूझबूझ, रणनीतिक व कूटनीतिज्ञ कौशल, हमारे सैनिकों के अदम्य वीरता व साहस के लिए सदैव याद किया जाएगा। कारगिल युद्ध में हमारे सैनिकों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार अपने सैनिकों व उनके परिवारों के कल्याण व विकास के लिए प्रतिबद्ध है। वह शहीद सैनिको को नमन व उनके परिवारों के प्रति सम्मान व्यक्त करते है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में सैनिक परिवार, पूर्व सैनिक उपस्थित थे।