नशा मुक्ति केंद्र से फरार रोगियों में से मिले 25, 14 की खोज जारी

देहरादून। राजपुर थाना क्षेत्र के सिनौला स्थित जागृति नशा मुक्ति केंद्र से फरार 39 रोगियों में से 25 को खोज लिया गया है। बाकी 14 रोगियों का अभी पता नहीं चल सका है। वह न तो शहर में कहीं मिल रहे हैं और न ही अपने घरों पर पहुंचे हैं। सीओ मसूरी बीएस चौहान ने बताया कि रोगियों की तलाश के लिए उनके घरों से संपर्क किया जा रहा है।

बता दें, मंगलवार देर शाम साढ़े सात बजे के करीब जागृति नशा मुक्ति केंद्र के भीतर मौजूद रोगियों ने मुख्य दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। इसके बाद सामने की ओर से खुलने वाले दरवाजे को तोड़ दिया और एक-एक कर 39 रोगी बाहर निकल गए।

रोगियों की इतनी संख्या में बाहर जाते देख वहां मौजूद कर्मियों व सिपाहियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वे सभी कर्मचारियों को मारने के लिए ललकारने लगे। इससे वह पीछे हट गए। इस सूचना से हड़कंप मच गया था। एसओ अरविंद सिंह ने बताया कि 25 रोगियों को ढूंढ लिया गया है, 14 की तलाश जारी है।

नशा मुक्ति को दी जाती है यातना! 

जागृति नशा मुक्ति केंद्र में कुछ महीने पहले तक 97 रोगी रखे गए थे, जबकि वर्तमान में 77 मौजूद हैं। मगर हैरान करने वाली बात यह कि 77 रोगियों के रहने के लिए केवल दो कमरे हैं। सूत्रों ने बताया कि सभी जमीन पर सोते हैं। परिजनों की शिकायत है कि यहां नशा छुड़ाने के नाम पर यहां यातनाएं दी जाती हैं। रोगियों को कमरे से बाहर तक नहीं निकलने दिया जाता है। ऐसे में सभी की स्थिति नारकीय हो जाती है।

परिजनों की इसी शिकायत पर पिछले सप्ताह सिटी मजिस्ट्रेट पुलिस के साथ केंद्र का निरीक्षण करने पहुंचे थे, तब उनके सामने भी यहां रखे रोगियों ने व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए घर भेजने की मांग की थी।

नशा मुक्ति केंद्रों की हो उच्चस्तरीय जांच 

ग्रामीण विकास समिति की ओर से प्रधानमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर सभी नशा मुक्ति केंद्रों की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की गई। समिति अध्यक्ष कुंवर सिंह ने कहा कि अधिकांश नशा मुक्ति केंद्र नियम विरुद्ध चल रहे हैं और उनमें से अधिकांश में गैरकानूनी काम भी हो रहे हैं।

कई राज्यों के रहने वाले हैं रोगी 

जागृति नशा मुक्ति केंद्र में उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों के अलावा हरियाणा, दिल्ली और अन्य प्रांतों के रोगी रखे गए हैं। पुलिस ने अब तक नहीं मिले रोगियों के पतों पर संपर्क कर उनके भागने की सूचना दे दी है। साथ ही हिदायत भी दी है कि यदि रोगी परिवार से संपर्क करते हैं तो इसकी जानकारी तुंरत पुलिस को दी जाए।

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