नई दिल्ली। संयुक्त कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल, 2019 लोकसभा में पेश किया। इस दौरान सदन में विपक्षी बेंचों की ओर से काफी ऊंची आवाज़ में नारे लगाए गए और जमकर हंगामा हुआ। नागरिकता संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया।
लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने असम की नागरिक सूची (एनआरसी) को पेश करते हुए कहा, ‘हम एनआरसी के प्रति कटिबद्ध हैं। एनआरसी में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा। गैरकानूनी तरीके से देश में आने वाले लोगों से (प्रवासियों) निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। असम में शरणार्थियों का भार सिर्फ असम की नहीं बल्कि पूरे देश की समस्या है।’
लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, ‘मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन विधेयक सिर्फ असम के लिए या किसी खास देश से आने प्रवासियों की बेहतरी के लिए नहीं है। यह बिल उन प्रवासियों के लिए भी है, जो पश्चिमी सीमाओं से आए हैं और राजस्थान, पंजाब और दिल्ली में बस गए हैं। मैंने पहले भी कहा था कि एनआरसी से किसी भी भारतीय को बाहर नहीं किया जाएगा। सभी को अपनी नागरिकता का दावा करने का पूरा मौका दिया जाएगा। जो इससे छूट जाएंगे उनको दोबारा मौका दिया जाएगा।’
गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के दौरान विपक्ष के सांसदों द्वारा लगातार हंगामा और नारेबाजी की गई। बिल का विरोध कर रहे सांसदों का कहना है कि यह बिल हमारी संस्कृति और संविधान के खिलाफ है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने असम की स्थिति का हवाला देते हुए इस बिल को दोबारा सेलेक्ट कमिटी के पास भेजने की मांग की। ऐसा नहीं होने पर कांग्रेस ने लोकसभा से वॉक आउट कर दिया।