केंद्र सरकार के बाद, योगी सरकार ने तीसरा बजट किया पेश, हिंदुत्व के एजेंडे को मजबूत करने का किया प्रयास

नई दिल्ली । केंद्र सरकार के बाद, बृहस्पतिवार को यूपी की योगी सरकार ने भी अपना तीसरा बजट पेश कर दिया है। लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले पेश होने वाले दोनों बजट में हर वर्ग के मतदाता को खुश करने का प्रयास किया गया है। योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में हिंदुत्व के एजेंडे को मजबूत करने के साथ विकास को भी रफ्तार देने का प्रयास किया है।

विधानमंडल के बजट सत्र के तीसरे दिन यूपी सरकार के वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने चार लाख 79 हजार 701 करोड़ 10 लाख रुपये (4,79,701.10 करोड़ रुपये) का बजट पेश किया है। यूपी सरकार का ये बजट पिछले बजट के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक है। खास बात ये है कि चुनावी वर्ष में सरकार ने 21 हजार 212 करोड़ 95 लाख रुपये (21,212.95 करोड़ रुपये) की नई योजनाओं को शामिल किया है।

पांच एक्सप्रेस-वे के लिए 3794 करोड़ रुपये
वित्त मंत्री ने बजट में पूर्वांचल एक्सप्रेस के लिए 1194 करोड़ रुपये, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए 1000 करोड़ रुपये, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए 1000 करोड़ रुपये, डिफेंस कॉरिडोर के लिए 500 करोड़ रुपये, आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे के लिए 100 करोड़ रुपये, स्मार्ट सिटी योजना के लिए 758 करोड़ रुपये की घोषणा की है। उन्होंने बजट भाषण में बताया कि स्वच्छ ग्रामीण मिशन के तहत 58,770 ग्राम पंचायत को खुले में शौच मुक्त कर दिया गया है।

हिंदुत्व के साथ अल्पसंख्यक कल्याण भी
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पेश किए गए इस बजट में सरकार ने हिंदुत्व के मुद्दे को धार देने के साथ ही अल्पसंख्यक कल्याण का भी पूरा ख्याल रखा है। बजट में मथुरा-वृंदावन के बीच ऑडिटोरियम निर्माण के लिए 8.38 करोड़ रुपये। सार्वजनिक रामलीला स्थलों की चारदिवारी के लिए 50 करोड़ रुपये। यूपी ब्रज तीर्थ में सुविधाओं के लिए 125 करोड़ रुपये, अयोध्या व गढ़मुक्तेश्वर के पर्यटन स्थलों के लिए क्रमशः 101 करोड़ व 27 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है। इसके अलावा वाराणसी में लहर तारा तालाब कबीर स्थल, गुरु रविदास जन्मस्थली सीर गोवर्धनपुर सुदृढ़ीकरण व प्रयाग में भारद्वाज आश्रम और लखनऊ में बिजली पासी किले का विकास प्रस्तावित किया गया है। वृंदावन शोध संस्थान के सुदृढ़ीकरण के लिए एक करोड़ रुपये। सरकार पर्यटन नीति 2018 के क्रियान्वयन पर 120 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अल्पसंख्यकों की छात्रवृत्ति के लिए 942 करोड़ रुपये और अरबी-फारसी मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 459 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है।

बजट के अन्य प्रमुख बिंदु

  • कन्या सुमंगला योजना के लिए 1200 करोड़ रुपये
  • पुष्टाहार के लिए 4004 करोड़ रुपये
  • आयुष्मान भारत योजना के लिए 1298 करोड़ रुपये
  • प्रधानमंत्री मात्र वंदना योजना के लिए 291 करोड़ रुपये
  • आयुष्मान योजना से वंचित लोगों को मुख्यमंत्री जानारोग्य अभियान के तहत 111 करोड़ रुपये
  • बंद सरकारी व सहकारी चीनी मिलों के पुर्नसंचालन के लिए 75 करोड़ रुपये

पुलिस के लिए भी खोल दी झोली

  • 36 नए थाने, पीएसी की प्रशिक्षण क्षमता में विस्तार व पुलिसकर्मियों के बैरक के लिए 700 करोड़ रुपये
  • पुलिस विभाग में टाइप ए व बी के आवासीय भवन निर्माण के लिए 700 करोड़ रुपये
  • नए जिलों में पुलिस लाइन निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपये
  • 50 अग्निशमन केंद्र के साथ आवासीय तथा अनावासीय भवन निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये
  • पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 204 करोड़ रुपये

किसानों के लिए

  • राष्ट्रीय कृषि योजना के लिए 892 करोड़ रुपये
  • राष्ट्रीय फसल बीम योजना के लिए 450 करोड़ रुपये
  • उर्वरकों के पूर्व भंडारण के लिए 150 करोड़ रुपये
  • 6000 क्रय क्रेंद्रों के जरिए 1840 रुपये प्रति कुंतल की दर से गेहूं क्रय का लक्ष्य
  • 60.51 लाख कुंतल बीज वितरण का लक्ष्य
  • 77.26 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य
  • मंडी परिषद के जरिए ग्रामीण अंचल में 500 हाट-पैठ के विकास पर 150 करोड़ रुपये

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