केदारनाथ में हुई भारी बर्फबारी

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ में हुई भारी बर्फबारी इस बार प्रशासन के सामने चुनौतियां खड़ी कर सकती है। ऐसी स्थिति में यात्रा शुरू करवाने के लिए मूलभूत सुविधाएं जुटाना भी आसान नहीं होगा। वर्तमान में केदारनाथ में आठ फीट से अधिक बर्फ जमी है और आगे भी बर्फबारी के आसार बने हुए हैं। जबकि, आगामी चार मार्च को महाशिवरात्रि पर्व से यात्रा की कवायद शुरू हो जाएगी। केदारपुरी के बर्फ के आगोश में समाये होने से वहां सभी पुनर्निर्माण कार्य पूरी तरह बंद हैं।पैदल मार्ग पर आवाजाही ही नहीं, विद्युत व संचार सेवाएं भी ठप पड़ी हुई है। पैदल मार्ग पर लिनचोली से लेकर केदारनाथ तक पांच से आठ फीट बर्फ जमी है। बाकी हिस्सा भी गौरीकुंड तक बर्फाच्छादित है। आने वाले दिनों में इस बर्फ के ऊपर पाले की परत जम जाएगी, जिससे इसके मई में यात्रा शुरू होने तक पिघलने के आसार नहीं हैं। ऐसे में बर्फ को काटकर पैदल रास्ता बनाना भी आसान नहीं होगा। क्योंकि, पहाड़ियों से हिमस्खलन की आशंका बराबर बनी रहती है।अधिक बर्फ होने से पैदल मार्ग पर आम लोगों के साथ ही घोड़ा-खच्चर की आवाजाही भी काफी मुश्किल होती है। जबकि, केदारनाथ में व्यापक स्तर पर जरूरी सुविधाएं का घोड़ा-खच्चर ही एकमात्र जरिया हैं।सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि अत्याधिक ठंड होने के कारण धाम में ऑक्सीजन का लेवल काफी घट जाता है। जिस कारण अन्य प्रदेशों से आने वाले यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वर्ष 2012 में भी केदारनाथ में भारी बर्फबारी हुई थी, जिस कारण यात्रा के शुरुआत में ठंड से 72 यात्रियों की मौत हो गई थीभारी बर्फबारी के चलते प्रशासन ने पिछले दिनों केदारपुरी में काम कर रही निर्माण एजेंसियों के मजदूर भी वापस बुला लिए थे। ऐसे में पुनर्निर्माण कार्य दोबारा कब शुरू हो पाएंगे, कहना मुश्किल है।

 

 

 

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