पीएम मोदी ने कार्बेट नेशनल पार्क को वाइल्डलाइफ रेसक्यू सेंटर की दी सौगात

देहरादून। खराब मौसम के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विश्व प्रसिद्ध कार्बेट नेशनल पार्क के निरीक्षण के दौरान वहां के वन एवं वन्यजीवन का करीब से दीदार किया। इस दौरान उन्होंने पार्क में बाघों की संख्या व सुरक्षा के उपाय, वन पर्यटन, मानव- वन्यजीव संघर्ष, कंडी रोड समेत अन्य बिंदुओं पर विभागीय अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने कार्बेट पार्क में वाइल्डलाइफ रेसक्यू सेंटर की घोषणा की। यह सेंटर ढेला में बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कार्बेट के लिए कोटद्वार-पाखरो गेट से जल्द ही टाइगर सफारी का लुत्फ वन्यजीव प्रेमी व सैलानी उठा सकेंगे।प्रधानमंत्री मोदी ने हल्की बूंदाबांदी के बीच कार्बेट पार्क का सफर कालागढ़ स्थित रामगंगा बांध की झील से शुरू किया। बोट पर सवार हो करीब 20 किलोमीटर का फासला तय कर वह पार्क के ढिकाला रेस्ट हाउस पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने वन एवं पर्यावरण से जुड़े विभिन्न मसलों को लेकर अधिकारियों से चर्चा की। पार्क के निदेशक एवं वन संरक्षक राहुल के मुताबिक प्रधानमंत्री ने सबसे पहले कार्बेट पार्क के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने पार्क में बाघों की संख्या, सुरक्षा, वन्यजीव पर्यटन, मानव-वन्यजीव संघर्ष, कंडी रोड समेत अन्य कई बिंदुओं पर चर्चा की।वन संरक्षक राहुल के अनुसार ढिकाला में प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि पार्क में वाइल्डलाइफ रेसक्यू सेंटर की स्थापना की जाएगी। यह सेंटर ढेला में बनेगा, जिसमें संघर्ष में घायल अथवा बीमार वन्यजीवों को उपचार देने के साथ ही उन वन्यजीवों को पकड़कर रखा जाएगा, जो मानव के लिए खतरनाक घोषित होंगे। इसके साथ ही वापसी में प्रधानमंत्री खिनानोली में भी रुके। वहां उन्होंने कोटद्वार-पाखरो गेट से टाइगर सफारी जल्द शुरू होने की बात कही।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्बेट नेशनल पार्क के वन एवं वन्यजीवन से अभिभूत नजर आए। ढिकाला फॉरेस्ट रेस्ट हाउस की विजिटर्स बुक में उन्होंने अपनी भावनाएं भी व्यक्त की। उन्होंने लिखा, ‘मैं यहां आकर बहुत खुश हूं। दोबारा आऊंगा।’प्रधानमंत्री मोदी जब रामगंगा बांध की झील से बोट में सवार होकर ढिकाला जा रहे थे, तभी अचानक मौसम का मिजाज बिगड़ा और तेज हवा चली। सूत्रों के अनुसार इसी दौरान झील में तेज लहर उठी तो एकबारगी उनके साथ चल रहे अधिकारी भी सकपका गए थे। थोड़ी ही देर में लहर के शांत होने पर अधिकारियों ने राहत की सांस ली।

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