देहरादून। पिछले कई दिनों से लगातार अलग-अलग मिजाज में नजर आ रहे मौसम ने गुरुवार को फिर करवट बदली है। जिससे चारधाम समेत प्रदेश में तमाम ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई, जबकि निचले इलाकों में बारिश व ओलावृष्टि देखने को मिली। इससे ठिठुरन बढ़ गई है, जिसका असर जनजीवन पर भी नजर आ रहा है। इस बीच अच्छी बात यह रही कि चमोली के गमसाली में बर्फबारी के चलते हफ्तेभर से फंसे तीन लोगों को गुरुवार को सुरक्षित निकाल लिया गया।
बढ़ी ठंडक को देखते हुए पौड़ी में कक्षा आठ तक के सभी शिक्षण संस्थानों में शुक्रवार का अवकाश घोषित किया गया है। उधर, हिमस्खलन से उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे झाला और हर्षिल के बीच करीब सात घंटे तक बंद रहा। चांगथांग के पास भी हाईवे हिमस्खलन के कारण बंद हो गया, जिसे गुरुवार देर शाम तक सुचारू नहीं किया जा सका था। इसके अलावा भी गढ़वाल मंडल में करीब आधा दर्जन सड़कें बंद चल रही हैं और दर्जनों गांवों का संपर्क कट गया है।
बर्फबारी वाले इलाकों में केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हर्षिल, हेमकुंड, मसूरी के पास नागटिब्बा, सुरकंडा, चकराता व कुमाऊं मंडल के ऊंचाई वाले कुछ क्षेत्र शामिल रहे। जबकि देहरादून समेत अन्य मैदानी क्षेत्र व कम ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं, नैनीताल में ओलावृष्टि भी देखने को मिली। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शुक्रवार को भी मौसम ऐसा ही बने रहने के आसार हैं। 2500 मीटर व इससे अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना है, जबकि निचले इलाकों में हल्की से मध्यम स्तर तक की बारिश हो सकती है।
बर्फ का टीला गिरने से चकराता-त्यूणी हाईवे बंद
बर्फबारी के चलते 17 दिनों तक बंद पड़ा चकराता-त्यूणी हाईवे दो दिन खुला रहने के बाद गुरुवार को हल्की बर्फबारी होने पर फिर से बंद हो गया। लोखंडी के पास पहाड़ से बर्फ का टीला गिरने से हाईवे पर वाहनों का संचालन दिनभर ठप रहा। जिससे सड़क के बीच बीस से ज्यादा वाहन आधे रास्ते में फंस गए। लोगों ने स्थानीय प्रशासन व लोनिवि एनएच खंड डोईवाला से लोखंडी के पास सड़क पर जमा बर्फ को हटाने की मांग की है। कई लोग वाहनों को वापस मोड़कर वाया मीनस के रास्ते 90 किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर कालसी-विकासनगर पहुंचे। बर्फबारी प्रभावित जौनसार-बावर के ऊंचे इलाकों में बसे लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है।
पिछले दिनों हुई भारी बर्फबारी से लोखंडी, कोटी-कनासर व जाड़ी के पास बंद पड़े चकराता-त्यूणी हाईवे को लोनिवि एनएच खंड डोईवाला ने जेसीबी व स्नो कटर मशीन लगाकर दो दिन पहले सुचारू कराया। लेकिन गुरुवार को मौसम खराब होने से लोखंडी के पास पहाड़ी से बर्फ का बड़ा टिला गिरकर सड़क के बीच आ गया। जिससे हाईवे फिर से बंद हो गया।
गुरुवार सुबह कालसी-चकराता से त्यूणी की तरफ और त्यूणी, हनोल, रोहडू-हिमाचल से विकासनगर-देहरादून की ओर आने-जाने वाले कई वाहन लोखंडी के पास आधे रास्ते में फंस गए। त्यूणी से विकासनगर लौट रही संचार निगम की टीम लोखंडी के पास हाईवे बंद होने से बीच रास्ते में अटक गई। लोगों के शिकायत करने पर हाईवे खोलने को शाम पांच बजे तक लोनिवि एनएच खंड डोईवाला ने जेसीबी व स्नो कटर मशीन मौके पर नहीं भेजी। जिससे आधे रास्ते में फंसे कई लोग वाहनों को वापस मोड़कर वाया मीनस व क्वानू होकर 90 किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर किसी तरह कालसी-विकासनगर पहुंचे। लोगों का कहना एनएच खंड को बर्फबारी प्रभावित ऊंचे इलाकों में हाईवे खोलने के लिए जेसीबी व स्नो कटर मशीन लोखंडी, जाड़ी व कोटी-कनासर के बीच रखनी चाहिए।
जिससे जनता को आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी नहीं झेलनी पड़े। पांच मोबाइल टावर ठप होने से नेटवर्क फेल: मौसम बिगड़ने से जौनसार-बावर के ऊंचे इलाकों में लगे पांच मोबाइल टावर सुबह से ठप है। बिजली नहीं होने और तेल की कमी से चिल्हाड़, लोहारी, त्यूना, डांडा व सैंज-तराणू में लगे पांचों टावर काम नहीं कर रहे। नेटवर्क फेल होने से दूरस्थ क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने ऊर्जा निगम व संचार निगम अधिकारियों से प्रभावित क्षेत्र में बिजली व नेटवर्क व्यवस्था जल्द चालू करने की मांग की है।
विद्युत लाइनें टूटी, पेयजल आपूर्ति भी रही बाधित
गुरुवार सुबह से हुई मूसलाधार बारिश से आम जनजीवन खासा प्रभावित हुआ। खराब मौसम के चलते बिजली और पेयजल आपूर्ति पर भी असर पड़ा है। तीन क्षेत्रों में बिजली की लाइनों पर पेड़ की टहनियां गिर गईं, जिससे लाइन टूटने से संबंधित क्षेत्रों में दो से तीन घंटे बिजली आपूर्ति बाधित रही। इस दौरान बड़ी आबादी को बिन बिजली के रहना पड़ा। इसके चलते पेयजल आपूर्ति पर भी बाधित रही।
कालीदास रोड, निरंजनपुर व टर्नर रोड समेत कई अन्य क्षेत्रों में बिजली लाइनों पर पेड़ की टहनियां टूटकर गिरी। गनीमत रही कि इसमें आमजन को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। लाइनें टूटने से बिजली चली गई। इसके बाद विद्युतकर्मी लाइनों की मरम्मत में जुटे रहे। कालीदास रोड में तीन घंटे, निरंजनपुर व टर्नर रोड में दो से ढाई घंटे बिजली आपूर्ति बाधित हुई। कई अन्य क्षेत्रों में विद्युत पोलों को भी आंशिक नुकसान पहुंचा है। हालांकि, इसका बिजली आपूर्ति पर असर नहीं पड़ा। बिजली न होने से सीधे-सीधे पेयजल आपूर्ति पर भी असर पड़ा। बिजली-पानी के न आने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यूपीसीएल के प्रवक्ता एके सिंह ने कहा कि कई क्षेत्रों में बिजली लाइनें टूटने के कारण कुछ घंटे के लिए बिजली आपूर्ति बाधित रही थी। मरम्मत के बाद आपूर्ति सुचारु कर दी गई थी।
बारिश ने थामी ट्रेन की रफ्तार
तेज बारिश के चलते ट्रेनों के संचालन पर भी असर पड़ा है। लिंक एक्सप्रेस (इलाहाबाद-दून) करीब चार घंटे की देरी से दून पहुंची। जबकि, हावड़ा एक्सप्रेस (हावड़ा-दून) डेढ़ घंटे लेट रही। ट्रेनों के देरी से पहुंचने के कारण आने वाले यात्रियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दून स्टेशन के अधीक्षक एसडी डोभाल ने कहा कि खराब मौसम की वजह से लिंक एक्सप्रेस चार घंटे की देरी से शाम साढ़े छह बजे दून पहुंची। हावड़ा एक्सप्रेस डेढ़ घंटे की देरी से सुबह नौ बजे पहुंची। जबकि, सभी ट्रेनें समय से रवाना की गई।