मुंबई। पुलवामा हमले के बाद दुनिया भर से पाकिस्तान को जहां अलग थलग करने की कोशिश की जा रही है वहीँ पाकिस्तान है अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहा है। भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम न करने की उठी पुरजोर आवाज़ का बदला लेने के लिए पाकिस्तान ने अब भारतीय फिल्मों के साथ हर तरह का नाता तोड़ने के लिए कदम उठाया है।
पाकिस्तान के एक्जीबिटर्स एसोसिएशन ने तय किया है कि किसी भी भारतीय फिल्म को पाकिस्तान ने रिलीज़ नहीं किया जाएगा जबकि सरकार ने भारत से जुड़े विज्ञापनों को भी बंद करने की कवायद शुरू कर दी है l
लाहौर हाईकोर्ट में एक पिटिशन फ़ाइल की गई जिसमें भारतीय फिल्मों के साथ किसी भी तरह के कारोबार और उन्हें अपने यहाँ दिखाए जाने पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगाने की मांग की गई थी । ये कदम पुलवामा अटैक के बाद भारतीय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की तरफ से उठी मांग का काउंटर करने के लिए उठाया गया है। और बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बाद इसे और पुख्ता कर दिया गया l
मुंबई में फिल्म और टीवी से जुड़े कलाकारों और वर्कर्स ने सरकार से पाकिस्तानी कलाकारों को वीजा न देने को कहा है और साथ ही कई सारी फिल्मों को पाकिस्तान में रिलीज़ न करने का फैसला किया गया। लाहौर उच्च न्यायलय में शेख मोहम्मद लतीफ़ ने याचिका दाखिल कर कहा कि इम्पोर्ट पॉलिसी ऑर्डर 2016 जिसके तहत सरकार ने भारतीय फिल्मों और कंटेंट पर रोक लगाई थी उसे फिर से लागू कर दिया जाय। ये भी कहा गया है कि पहले की नवाज़ शरीफ सरकार ने पाकिस्तानी फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए भारत सहित इंटरनेशनल फिल्मों को रोकने के लिए जो कदम उठाया था वो प्रभावी नहीं हुआ।
बता दें कि अब तक टोटल धमाल, लुका छुपी , अर्जुन पटियाला, मेड इन चाइना, सोन चिड़िया, मिलन टॉकीज़, कबीर सिंह और नोटबुक को पाकिस्तान में रिलीज़ नहीं करने का फैसला किया गया है।
यही नहीं टी -सीरीज़ ने आतिफ असलम और राहत फ़तेह अली के गाने को अपने यू-ट्यूब पेज से हटा दिया. सलमान खान ने भी अपनी फिल्म नोटबुक से आतिफ असलम का गाना रिप्लेस किया है l इंडियन सिंगर्स ने भी पाक में शो कैंसिल किये हैं l