देहरादून। परेड ग्राउंड के बाहर लगने वाले संडे मार्केट को अब सहस्रधारा रोड पर धोरणखास में शिफ्ट किया जाएगा। दरअसल, रविवार को लगने वाले इस बाजार की वजह से सड़क पूरा दिन जाम रहती है व कानून-व्यवस्था भी बिगड़ती है। निगम बोर्ड ने अब बाजार को शिफ्ट करने की मंजूरी दे दी है। पिछले कई वर्षो से परेड ग्राउंड के बाहर से लैंसडोन चौक तक लगने वाले अवैध संडे बाजार को शिफ्ट करने की योजना बन रही थी। महापौर ने इसके लिए दूसरी भूमि चिह्नित करने के निर्देश दिए थे। जिस पर भूमि अनुभाग ने धोरणखास में हिम ज्योति स्कूल के पास इसे शिफ्ट करने का प्रस्ताव बनाया।
बैठक में अव्यवस्थाएं रहीं हावी नया बोर्ड चुने जाने के तीन माह बाद भी निगम प्रशासन बोर्ड बैठक की तैयारी सही ढंग से नहीं कर पाया। सभा भवन में बैठने से लेकर माइक तक की अव्यवस्थाएं हावी रहीं। सौ पार्षदों को बोलने के लिए केवल दो माइक दिए गए थे। माइक के लिए इधर से उधर छीना-झपटी मची रही। यही नहीं, पार्षदों के सामने चाय के गंदे कप लाने पर भी जमकर हंगामा हुआ।
पशु चिकित्साधिकारी भी घिरे एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में आवारा कुत्तों की नसबंदी व कांजी हाउस में चारा घोटाले जैसे मामलों पर नगर निगम के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. वी सती भी घिर गए। पार्षदों ने आरोप लगाया कि आवारा कुत्तों की नसबंदी की झूठी रिपोर्ट बनाई जा रही, जबकि वार्डो में कुत्तों का आतंक है। गांधी पार्क तक में आवारा कुत्ते घूम रहे। आरोप लगाया कि फोन करने पर डॉ. सती कॉल रीसिव नहीं करते। आवारा पशु की सूचना देने पर उनकी टीम सूचना लीक कर देती है।
आरोप है कि वे घायल पशुओं को भी उठाने के लिए टीम नहीं भेजते। रैमकी कंपनी पर विवाद कूड़ा उठान का काम रैमकी कंपनी को देने पर भी विवाद हुआ। आरोप लगाया है कि कंपनी को नियमों में छूट दी गई और सांठगांठ से टेंडर दिया गया। कंपनी ने पूरे 60 वार्ड की तैयारी के बिना आधे वार्ड में काम शुरू किया। उसकी गाड़ियां भी छोटी हैं। यही नहीं आरोप है कि महापौर के घर के क्षेत्र में भी कूड़ा उठान नहीं हो रहा।