नई दिल्ली।सुप्रीम कोर्ट ने वकील अश्विनी उपाध्याय की उस अर्ज़ी पर सुनवाई से इंकार कर दिया है, जिसमें वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के निर्देश देने का आग्रह किया गया था। देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता को इस संदर्भ में आदेश लेने के लिए चुनाव आयोग के पास जाने के लिए कहा है।आधार कार्ड के इस्तेमाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सितंबर में आए आदेश के बाद केन्द्रीय मंत्री मंडल ने आधार के नियमों में कुछ जरूरी बदलाव किए। इन बदलावों में किसी भी उपभोक्ता को अपने बैंक अकाउंट को आधार से लिंक करना जरूरी नहीं होगा। साथ ही मोबाइल का नया कनेक्शन लेने के लिए भी आधार कार्ड जरूरी नहीं होगा। वहीं, अपने 12 डिजिट के आधार नंबर को स्कूल के एडमिशन से लेकर अन्य प्राइवेट सेवाओं के लिए देना जरूरी नहीं होगा।आपको बता दें कि इससे पहले आधार कार्ड का इस्तेमाल बैंकिंग से लेकर मोबाइल कनेक्शन के लिए जरूरी कर दिया गया था। आधार कार्ड के नियमों में हाल में आए बदलाव का सबसे बड़ा कारण निजता का अधिकार बना। आधार कार्ड की जानकारी इन सेवाओं में देने से लोगों के निजता के अधिकार का हनन हो सकता है। यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड की अनिवार्ययता बैंकिंग और मोबाइल नंबर कनेक्शन समेत कई सेवाओं के लिए समाप्त कर दी थी। हालांकि, कुछ सेवाओं के लिए आधार कार्ड अभी भी जरूरी है।