देहरादून। कभी भाजपा-कांग्रेस का विकल्प बनने के लिए क्षेत्रीय ताकत के रूप में उभरे उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) को एक अदद प्रत्याशी भी नसीब नहीं हो पा रहा है। यही कारण रहा कि अंतिम समय पर लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित करने के बाद भी दल बमुश्किल टिहरी लोकसभा सीट पर नामांकन करा पाया।हुआ यह कि इस सीट के लिए दल के उपाध्यक्ष डीडी शर्मा का नाम फाइनल किया गया था। इससे पहले कि वह नामांकन करा पाते, उन्होंने चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया। इस स्थिति के लिए दल तैयार नहीं था और पदाधिकारियों में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई।आनन-फानन में दल के महामंत्री जयप्रकाश उपाध्याय को चुनाव लड़ने के लिए मनाया गया। संगठन की किरकिरी होती देख जब वह नामांकन के लिए तैयार हो गए, जब जाकर पदाधिकारियों ने राहत की सांस ली।बार-बार टूटने के बाद जुड़ने की कोशिश कर रहे उत्तराखंड क्रांति दल के सामने ऐसे हालात पहले भी खड़े हो चुके हैं। यह बात और है कि बात टिकट फाइनल होने से पहले ही खत्म हो गई थी।कुछ माह पहले शीर्ष पदाधिकारियों में शामिल बीडी रतूड़ी ने टिहरी लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर की थी और लंबे समय तक सभी यह मानते रहे कि वह चुनाव भी लड़ेंगे। हालांकि, जमीनी तैयारियां नदारद देखते हुए वह स्वयं ही मैदान से हट गए थे।