नैनीताल: हाई कोर्ट ने प्रदेश में बंद पड़े स्लाटर हाउस के मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए नैनीताल, मंगलौर, हल्द्वानी व रामनगर नगर निकाय से पूछा है कि स्लाटर हाउस कब तक तैयार हो जाएंगे। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ ने मंगलवार तक सभी निकायों को शपथ पत्र प्रस्तुत करने को कहा है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि पिछले आठ साल में स्लाटर हाउस नहीं बनाए गए, जो अदालत की अवमानना है। पूर्व के आदेश में कोर्ट ने तीन माह के भीतर स्लाटर हाउस अस्तित्व में लाने को कहा था।उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट ने राज्य में अवैध स्लाटर हाउस बंद करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि खुले में कोई जानवर की बलि न दी जाए, जिसके बाद से पूरे प्रदेश में स्लाटर हाउस बंद हैं। मीट कारोबारियों ने इस आदेश को याचिका के माध्यम से चुनौती दी ह। उनका कहना है कि हाई कोर्ट ने नौ दिसंबर 2011 को आदेश पारित कर पूरे प्रदेश में मानकों के हिसाब से स्लाटर बनाने के निर्देश दिए थे लेकिन आठ साल बाद भी आदेश का क्रियान्वयन नहीं किया गया। इस वजह से स्लाटर हाउस का मामला अधर में है। याचिका में अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं करने वाले अफसरों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग भी की गई है। हाई कोर्ट के स्लाटर हाउस बंद करने के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका भी दायर की है।