कांग्रेस के बीच गठबंधन में नई मुश्किल

नई दिल्ली। लंबे समय से चली आ रही अटकलों के बीच कांग्रेस आलाकमान राहुल गांधी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन के स्पष्ट संकेत दिए हैं। पार्टी का घोषणा पत्र जारी करने के दौरान पत्रकारों से बातचीत में भी राहुल ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन को लेकर कोई उलझन नहीं हैं और इस दिशा में सभी रास्ते खुले हैं। हालांकि दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित अब भी इसके विरोध में हैं।मंगलवार सुबह साढ़े 10 बजे राहुल ने इस बाबत अपने घर पर एक बैठक भी रखी। बैठक में केवल शीला और प्रदेश प्रभारी पीसी चाको को बुलाया गया था। करीब 20 मिनट की इस बैठक में राहुल ने दोनों से पूछा कि, हम दिल्ली में कितनी सीटें जीत सकते हैं और अगर जीत नहीं सकते तो कितनी सीटों पर नंबर दो की स्थिति हासिल कर सकते हैं। इसके जवाब में शीला ने जहां दो तीन सीटें कहा वहीं चाको ने मौजूदा सियासी समीकरणों के मद्देनजर इसे बहुत ही मुश्किल बताया। उन्होंने शक्ति एप की सर्वे रिपोर्ट भी पेश की और कहा कि गठबंधन नहीं होने पर सातों सीटें भाजपा को चली जाएंगी। सूत्र बताते हैं कि थोड़ा सा गुस्से में आते हुए राहुल ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि या तो सातों सीटें जीतिए, नहीं जीत सकते तो दूसरे नंबर पर आइए। अगर इतना भी नहीं है तो फिर गठबंधन करके तीन सीटों पर चुनाव लड़िए।उन्होंने शीला से यह भी कहा कि दो तीन सीटें भी किस आधार पर जीती जाएंगी जबकि हमें भाजपा के उम्मीदवारों की भी जानकारी नहीं है। इसके बाद संक्षिप्त चर्चा कर वह यह कहते हुए चले गए कि ठीक है, मैं देखता हूं। साथ ही उन्होंने सातों सीटों के लिए नाम भी मांगे और कहा कि गठबंधन को लेकर जो भी निर्णय होगा, उसकी घोषणा शीला के माध्यम से ही होगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह गठबंधन अगर होता है तो चार और तीन के फार्मूले पर ही होगा। आप चार जबकि कांग्रेस तीन सीटों पर लड़ेगी। दूसरी तरफ शीला दीक्षित इस गठबंधन के विरोध में लगभग अड़ गई हैं।

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