नई दिल्ली। जेएनयू के छात्र नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस का कहना है कि वह उसी पार्टी को वोट देंगी जो उनके बेटे को वापस ढूंढ कर लाएगा। उत्तर प्रदेश के बदायूं की निवासी नफीस 23 अप्रैल को मतदान करेंगी, नफीस का कहना है कि विभिन्न दलों के नेता उनके घर आते हैं लेकिन सभी केवल ‘सहानुभूति’ देकर चले जाते हैं।उन्होंने कहा, ‘मैं उन लोगों की तलाश में नहीं हूं जो मुझे सहानुभूति दे रहे हैं। मैं केवल उन लोगों की तलाश में हूं जो मुझे आश्वासत कर सकें कि वे मेरे बेटे को वापस ले आएंगे। यही बात मैंने मेरे घर आने वाले विभिन्न दलों के नेताओं से कही है। मैं केवल उसी पार्टी को वोट दूंगी जो मुझे भरोसा दिलाएगा कि वह मेरे बेटे को वापस लाएंगे।जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रथम वर्ष के एमएससी छात्र नजीब अहमद 2016 में कैंपस से छात्रों के साथ विवाद के बाद लापता हो गए थे और आज तक उसका पता नहीं चला है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने पिछले अक्टूबर में इस मामले की खोजबीन में खाली हाथ होने पर इस केस को बंद कर दिया।मेरे बेटे के लापता होने के बाद मैं अल्लाह के साथ फिर से जीवन बिताने के लिए मजबूर हूं, राजनीतिक दल क्या कर रहे हैं। सीबीआई क्या कर रही है, खुफिया एजेंसियां क्या कर रही हैं जब सभी एक निर्दोष बच्चे का पता नहीं लगा पा रही हैं, ये देश की सुरक्षा के लिए क्या करेंगे। लोग मुझे दिल्ली से यह कहते हुए बुलाते हैं कि नजीब गुड़गांव में छिपा हुआ है, शायद नोएडा में है। ऐसे अन्य लोग हैं जो यह आशंका व्यक्त करते हैं कि उसे मार दिया गया होगा और उसे किसी अज्ञात जगह पर दफनाया गया होगा। हर बुलावे के साथ, मैं अगली बस पकड़ लेती हूं, लेकिन हर जगह निराशा हाथ लगती है।’नफीस का कहना है कि उनके पति एक बढ़ई हैं, और जब से नजीब लापता हुआ है तब से बिस्तर पर लेटे हुए हैं, वह भी इसी उम्मीद में हैं कि उनका बेटा जल्द घर आ जाए।