नई दिल्ली। कांग्रेस प्रवक्ता रही प्रियंका चतुर्वेदी ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में पार्टी का दामन थाम लिया हैं। पार्टी में शामिल होते ही उन्होंने साफ कर दिया है कि उन्होंने टिकट ना मिलने की वजह से कांग्रेस नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा मैं कांग्रेस से टिकट मांग रही थी ,लेकिन मेरे लिए महिला सम्मान बड़ा मुद्दा है। पार्टी में मेरा सम्मान नहीं हुआ मेरे साथ अभद्रता हुई। इसे लेकर मेरी पार्टी से नाराजगी थी। मैं सेवा की निष्ठा से शिवसेना के साथ जुड़ रही हूं। मैं अपने मुद्दों की लड़ाई लड़ रही हूं। उन्होंने आगे कहा कि मैं मुंबई की रहने वाली हूं ऐसे मैं मेरे पास शिवसेना से बेहतर कोई विकल्प नहीं था। उद्धव ठाकरे ने प्रियंका का स्वागत करते हुए कहा कि वो उन्हें सिर्फ महाराष्ट्र में नहीं बल्कि दूसरें राज्यों में भी जिम्मेदारी देंगे।
बता दें कि प्रियंका ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को दो पन्नों का अपना इस्ताफा भी भेज दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ठीक है ये उनके और कांग्रेस के बीच का मामला है। इस्तीफा देने के बाद प्रियंका ने ट्वीट में लिखा कि पिछले 3 दिनों में देश भर से मुझे जो प्यार और समर्थन मिला है, उससे मैं पूरी तरह अभिभूत और आभारी हूं। मैं अपने आप को धन्य मानता हूं कि मुझे इतना समर्थन मिला। इस यात्रा का हिस्सा बनने वाले सभी लोगों को धन्यवाद।
राहुल गांधी को दिए पत्र में प्रियंका ने लिखा कि बड़े ही दुख के साथ मैं पार्टी में अपने सभी पदों से इस्तीफा दे रही हूं। उन्होंने लिखा कि10 साल पहले मैं विचारधारा से प्रभाावित होकर पार्टी में शामिल हुई थी। साथ ही प्रियंका ने लिखा कि मैंने पूरी निष्ठा के साथ पार्टी के सारे कर्तव्य निभाएष मुझे याद दिलाने की जरुरत नहीं है कि कैसे उस दौरान मेरे परिवार और मुझे धमकियां मिली थी। पढ़ें पूरा पत्र…
बता दें कि प्रियंका ने अपने ट्वीटर अकाउंट से पार्टी का नाम भी हटा दिया है। सूत्रों का कहना है कि प्रियंका ने अपना इस्तीफा अध्यक्ष राहुल गांधी को भेज दिया है।