देहरादून। राजधानी में मॉडल रोड के किनारे पैदल चलने वालों के लिए बनाए गए फुटपाथ भी सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हैं। नाली और फुटपाथ बनाने में नेशनल हाईवे सुरक्षा का जरा भी खयाल नहीं रख रहा है।फुटपाथ पर पौने तीन किमी क्षेत्र में तीन करोड़ रुपये खर्च हो गए हैं। इसके बावजूद फुटपाथ और नाली तीन सौ मीटर भी सही से नहीं बनी है। स्थिति यह है कि पौने तीन किमी क्षेत्र में तीन सौ जगह अतिक्रमण का बाजार सजा हुआ है। 17 जगह फुटपाथ के बीच नाली के बड़े-बड़े चैंबर खुले हुए हैं। जो हादसों का सबब बने हुए हैं। रात के समय कब कौन पैदल राहगीर इन गड्ढों में गिर जाए कहा नहीं जा सकता। राजधानी में अफसरों ने सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट मॉडल रोड को नाकामी का मॉडल बना दिया है। आइएसबीटी से घंटाघर के बीच बने इस प्रोजेक्ट का एक भी काम ऐसा नहीं, जिसे मॉडल के रूप में पेश किया जा सके। सबसे खराब स्थिति निरंजनपुर मंडी से आइएसबीटी के बीच है।यहां नेशनल हाईवे के पास नाली, फुटपाथ और रेलिंग कार्य का जिम्मा था। मगर, नेशनल हाईवे ने दो बार बजट मांगने के बाद भी कार्य पूरा नहीं किया है। करीब 60 फीसद कार्य ही यहां हो सका है। अभी नाली में टाइल्स, रेलिंग, स्लैब डालने का काम बाकी है, जबकि 80 फीसद बजट ठिकाने लगाया जा चुका है।स्थिति यह है कि होटल वाइसराय, मधुर मिलन वेडिंग प्वांट, ब्रिडकुल दफ्तर आदि कई स्थलों पर अधूरा निर्माण छोड़ दिया गया है। जहां पर नाली और फुटपाथ बन चुका हैं, वहां सड़क तक अतिक्रमण सजा हुआ है। होटल सुंदर पैलेस के सामने, माजरा, शिमला बाईपास, लक्ष्मी पैलेस आदि इलाकों में न फुटपाथ नजर आ रहा और न ही नाली पूरी तरह बनी है।आइएसबीटी फ्लाईओवर के शुरुआत से अंत तक नाली और फुटपाथ को खानापूर्ति के लिए बनाया गया है। इसी तरह आइएसबीटी से निरंजपुर आने वाली सड़क पर क्षतिग्रस्त फुटपाथ, उखड़े हुए स्लैब और नाली के बीच 17 बड़े गड्ढे दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं। यहां यदि फुटपाथ पर अंधेरे में किसी ने आवाजाही की तो गड्ढे में गिरने से वह बड़े हादसे का शिकार हो सकता है।