नैनीताल: गर्मी बढ़ने के साथ ही दावानल की घटनाएं तेज हो गई हैं। नैनीताल से सटे देवीधुरा व ज्योश्युड़ा के जंगल बीती शाम से भीषण आग से धधक रहे हैं। आग लपटें इतनी भयानक हैं कि आसपास के ग्रामीण दहशत में हैं। बीती रात एक बजे तक ग्रामीण आग बुझाने में जी जान से जुटे रहे। भीषण लपटों की दहशत ने उन्हें सोने तक नहीं दिया। चीड़ के जंगल तेज हवा के झोंके से राख में बदल रहे हैं। आग की लपटों से चिड़ियों के घोसलें जल कर राख हो गए, तो वन्य जीवों ने भी गांवों का रुख किया।
आग की विकरालता से दहशत में लोग
दो दिनों तक ग्रामीणों ने आग बुझाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता संदीप कुमार ने बताया कि ज्योश्यूड़ा के जंगल अब भी धधक रहे हैं। वन विभाग की टीम लगी है मगर आग की विकरालता ने कदम ठिठका दिए हैं। लोगों में दहशत है।
बीते दिनों आइटीआइ व एरीज को भी आग ने लिया था चपेट में
बीते दिनों भवाली रोड में पाइंस के जंगलों में लगी आग से लाखों की वन संपदा जलकर राख हो गई थी। आग की ज्वाला से पाइंस आइटीआइ भवन भी लपटों में घिर गया था। हल्द्वानी रोड पर मनोरा रेंज में एरीज बैंड में धधकी आग केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के निदेशक आवास तक पहुंच गई थी। जिससे छत पर रखी टंकी जल गई, साथ ही एक मीटर व्यास की दूरबीन तक लपटें पहुंच गई थी, वैज्ञानिकों समेत कर्मचारियों व शोध छात्रों ने बमुश्किल आग को नियंत्रण में लिया था। इधर पटवाडांगर में जीबी पंत विवि के जैव प्रौद्योगिकी संस्थान के तीन आवासीय भवन भी आग की चपेट में आ गए थे।, पांच कमरों का एक भवन जलकर खाक हो गया था। डीएफओ के अनुसार आग लपटें इतनी भयानक थी कि बुझाने में पांच वन कर्मचारी भी झुलस गए थे।
अराजक तत्वों की सूचना देने वाले को मिलेगा पांच हजार ईनाम
नैनीताल वन प्रभाग में विकराल होती दावानल ने वन महकमे को हिला कर रख दिया है। डीएफओ बीजू लाल ने कहा है कि तापमान में बढ़ोत्तरी, चटक धूप, तेज हवाओं की वजह से आग पर काबु पाने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा कि हैलीकॉप्टर से आग बुझाने की फिलहाल नौबत नहीं आई है मगर शासन व विभागीय उच्चाधिकारियों को आग की भयावहता की रिपोर्ट दे दी है। उन्होंने गुरुवार शाम को विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आग लगाने वाले अराजक तत्वों की सूचना देने वाले को पांच हजार ईनाम ईनाम दिया जाएगा। इधर मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं विवेक कुमार पाण्डे ने दावानल को संकट बताते हुए ग्रामीणों से सहयोग मांगा है।