सहारनपुर।यूपी पुलिस की साख एक बार फिर सवालों के घेरे में है। ताजा मामला सहारनपुर का है। गेहूं व्यापारियों से हुई नौ लाख की डकैती का पुलिस ने राजफाश कर दिया। आगरा से जीआरपी इंस्पेक्टर ललित कुमार त्यागी सहित तीन को डकैती डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके कब्जे से करीब पांच लाख रुपये बरामद किए हैं। डकैती डालने वालों में जीआरपी आगरा के दो सिपाही तथा टैक्सी चालक भी शामिल थे।मंगलवार को पत्रकार वार्ता करते हुए एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि उमाही गांव के निकट गेहूं व्यापारी किराए पर रह रहे थे। सोमवार तड़के पुलिस की वर्दी में बदमाश आ धमके और कई व्यापारियों से नौ लाख रुपये की लूट की गई। पुलिस ने जांच शुरू की तो सहारनपुर-मुजफ्फरनगर बॉर्डर पर रोहाना टोल प्लाजा के सीसीटीवी में आरोपितों की गाड़ी कैद हो गई। यह गाड़ी तड़के 3:18 बजे गुजरी थी। पीडि़त गेहूं व्यापारी अख्तर ने आगरा के बशीर पर डकैती में शामिल होने का शक जताया था।एसओ नागल के नेतृत्व में स्वाट व सर्विलांस टीम रात को आगरा पहुंच गई। यहां बशीर हाथ लग गया। आगरा में ही उससे पूछताछ हुई तो उसने राजा की मंडी रेलवे स्टेशन पर तैनात इंस्पेक्टर ललित कुमार त्यागी (जीआरपी कंट्रोल रूम इंचार्ज) व इंस्पेक्टर के साथी सुभाष शर्मा निवासी गौधला थाना जगदीशपुर आगरा को पकड़वा दिया। इंस्पेक्टर के कब्जे से चार लाख 94 हजार 500 रुपये बरामद हुए।एसएसपी ने बताया कि डकैती डालने में इंस्पेक्टर के साथ जीआरपी आगरा का सिपाही शायर वेग व ङ्क्षरकू भी यहां आए थे। ये दोनों टैक्सी चालक छोटू के साथ फरार हैं। डकैती के बाकी रुपये भी इन तीनों के पास ही हैं। पीडि़त गेहूं व्यापारी मोहम्मद अख्तर, अकरम आदि बिजनौर के थाना कोतवाली नगर के मंडावली गांव के रहने वाले हैं। डकैती में पकड़ा गया बशीर खान पुत्र अफसर खान मूल रूप से बिजनौर का ही रहने वाला है। वह कई साल से आगरा के थाना सदर बाजार के शहीदनगर में रह रहा है। इंस्पेक्टर ललित कुमार त्यागी पुत्र ऋषिदेव त्यागी गांव करौदा चौधर थाना कोतवाली देहात बिजनौर का ही रहने वाला है। ललित कुमार त्यागी की 12 वर्ष पूर्व मृतक आश्रित कोटे में पुलिस सेवा में दारोगा के पद पर नियुक्ति हुई थी