देहरादून। नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत ने सैलून संचालक को दस साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी मूलरूप से मुजफ्फरनगर के पुरकाजी का रहने वाला है। अदालत ने उस पर 21 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है, जिसमें से दस हजार रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे। दोषी अप्रैल 2018 से जिला कारागार में बंद है।विशेष लोक अभियोजक भरत सिंह नेगी ने अदालत को बताया कि घटना शहर कोतवाली क्षेत्र की है। यहां के एक मोहल्ले में मोमीन उर्फ साहिल सलमानी पुत्र शकील अहमद निवासी पुरकाजी, मुजफ्फरनगर सैलून चलाता था। 18 फरवरी 2018 को उसने सड़क से गुजर रही हाईस्कूल की छात्रा को जबरन दुकान में खींच लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया और डरा-धमका कर भेज दिया।इसके बाद उसने तीन मार्च और छह मार्च को भी छात्रा के साथ दुष्कर्म किया। मोमीन ने उसे धमकी दी कि अगर उसने यह बात किसी को बताई तो वह उसे जान से मार देगा। इस वजह से छात्रा चुप रही।अप्रैल 2018 में उसके पेट में दर्द हुआ तो उसने पूरी बात अपनी मां को बता दी। मां ने शहर कोतवाली में मोमीन के खिलाफ दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। 17 अप्रैल 2018 को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस की ओर से चार्जशीट दाखिल होने के बाद मोमीन के खिलाफ 20 अगस्त 2018 को आरोप तय कर दिए गए।अभियोजन पक्ष ने कुल नौ गवाह पेश किए। बचाव पक्ष ने कोई गवाह तो पेश नहीं किया, लेकिन बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि उसके मुवक्किल को रंजिशन फंसाया जा रहा है। मगर अदालत ने पीड़िता के मजिस्ट्रेटी बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मोमीन को छात्रा से दुष्कर्म का दोषी मानते हुए दस साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में दोषी को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।