बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष का विधानसभा में हंगामा

देहरादून । विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन में प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुद्दा गूंजा। विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों ने तमाम आपराधिक घटनाओं को गिनाते हुए आरोप लगाया कि सरकार प्रदेश में अपराधों को रोकने में नाकाम साबित हो रही है। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। जवाब में आंकड़ों का हवाला देते हुए सरकार ने प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को संतोषजनक करार दिया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने अपनी सीट पर खड़े होकर हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट किया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने सदन में नियम 58 के तहत प्रस्ताव पेश कर राज्य में लगातार खराब हो रही कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि देहरादून में पेट्रोल पंप पर गोली मारकर लूट की घटना को अंजाम दिया गया। नैनबाग में नौ वर्षीय दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आ चुका है। कहा कि पांच महीने में लूट की पांच वारदातें हो चुकी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जनता आपराधिक घटनाएं बढ़ने से खौफ में है। देहरादून से लेकर हल्द्वानी, रुद्रपुर समेत राज्य के विभिन्न इलाकों में अपराधी बेखौफ हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य में एक वर्ष में अपराधों का ब्योरा मांगा गया, लेकिन सिर्फ पांच महीने की सूचनाएं ही विपक्ष को उपलब्ध कराई गई हैं। इन पांच महीनों में दुष्कर्म की 219 घटनाएं, 94 हत्या, 62 लूट, 338 चोरी, छह डकैती की घटनाएं हुई हैं। राजधानी दून में कानून व्यवस्था चौपट है। उन्होंने विधायक हॉस्टल में उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा के आवास पर अग्निकांड और वहां सीसीटीवी कैमरे बंद होने का मुद्दा भी उठाया। उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जिले में ही कानून व्यवस्था की हालत खराब है। उन्होंने सत्तापक्ष के विधायक राजेश शुक्ला के करीबी जनों के बालक के बदरीनाथ धाम में रहस्यमय अपहरण और हत्या का मामला उठाया।

विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि पुलिस छोटे अपराधों के मामले दर्ज नहीं कर रही है। विधायक ममता राकेश, फुरकान अहमद, राजकुमार, मनोज रावत व आदेश चौहान ने भी अपने विधानसभा क्षेत्रों में अपराधिक वारदातों का जिक्र किया। विपक्षी विधायकों ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकतर अपराधों का खुलासा करने में नाकाम रही है। उन्होंने पिछली कांग्रेस सरकार के पांच वर्षो और वर्तमान भाजपा सरकार के सवा दो वर्ष की अवधि में हुए अपराधों का ब्योरा दिया। आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि विभिन्न अपराधों में कमी आई है। साथ में आपराधिक वारदातों का तेजी से खुलासा भी हो रहा है। सरकार के जवाब से विपक्षी विधायक भड़क गए। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *