देहरादून । प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों से त्यागपत्र देने के बाद बिना स्वीकृति मिले ही गायब चल रहे 52 चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त करने की तैयारी चल रही है। शासन इन सभी के त्यागपत्र मंजूर करने जा रहा है। इनके स्थान पर नए चिकित्सकों की भर्ती की जा सकेगी। संबंधित पत्रावली मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी जा चुकी है।
शासन ने कुछ समय पहले गायब डॉक्टरों की जांच कराई तो यह बात सामने आई कि कई डॉक्टर ऐसे हैं जिनकी तैनाती सरकारी कागजों में तो है, लेकिन वे अस्पतालों में लंबे समय से गए ही नहीं। दस्तावेज खंगाले गए तो पता चला कि इनमें से कई ऐसे हैं जो विभाग को त्यागपत्र थमा कर चलते बने हैं। इन्होंने शासन से त्यागपत्र स्वीकृत होने का इंतजार नहीं किया। जब नोटिस भेजे गए तो कुछ ने ज्वाइन कर लिया। हालांकि, इसके बाद फिर वह छोड़ कर चले गए। ऐसे में शासन ने विधिक कारणों को देखने के बाद अब शासन ने ऐसे सभी चिकित्सकों की सूची तलब की। इसमें 52 चिकित्सक ऐसे पाए गए हैं जो वर्ष 2003 से लेकर वर्ष 2014 तक के अंतराल में त्यागपत्र विभाग को दे चुके हैं और इस समय निजी चिकित्सालयों में सेवा दे रहे हैं। अब इन सभी को त्यागपत्र देने की तिथि से ही उसे मंजूर करने की कवायद चल रही है। इसके लिए पत्रावली तैयार की जा चुकी है और इसे मुख्यमंत्री के अनुमोदन को भेजा जा रहा है।