भारत को मिला नाटो सहयोगी के समान दर्जा, रक्षा सहयोग बढ़ाने में मिलेगी सहायता

वाशिंगटन। अमेरिकी सीनेट ने भारत को नाटो सहयोगियों जैसा दर्जा देने के लिए एक विधेयक को पारित किया है। यह विधेयक भारत को अमेरिका के नाटो सहयोगियों के बराबर का दर्जा प्रदान करता है। इससे पहले अमेरिका इजरायल और दक्षिण कोरिया को यह दर्जा दे चुका है। वित्तीय वर्ष 2020 के लिए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (NDAA) के संसोधन को अमेरिकी सीनेट ने पारित किया। इससे भारत को अमेरिका के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इस विधेयक के पारित होने से अमेरिका अब अपनी सभी जटिल रक्षा तकनीकी भारत को दे सकता है।

इस विधेयक में संशोधन प्रस्ताल को सीनेटर मार्क वार्नर और सीनेटर जॉन कॉर्निन ने पेश किया। इस संशोधन से हिंद महासागर में भारत अमेरिका के बीच मानवीय सहायता, आतंकवाद विरोधी अभियान, समुद्री डकैतों के खिलाफ अभियान और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों रक्षा सहयोग के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा। इस विधेयक को अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों- प्रतिनिधि सभा और सीनेट में पास होने के बाद कानून में बदला जाएगा। आशा जताई जा रही है कि 29 जुलाई से शुरू होने वाले एक महीने के अवकाश से पहले ही इस विधेयक को प्रतिनिधि सभा में पास करने के लिए पेश किया जाएगा।

क्या है नाटो

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) विभिन्न देशों का रक्षा सहयोग संगठन है। इसकी स्थापना 4 अप्रैल 1949 को हुई थी जिसका मुख्यालय बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में है। आरम्भ में नाटो के सदस्य देशों की संख्या 12 थी जो अब बढ़कर 29 हो चुकी है। नाटो का सबसे नया सदस्य देश मोंटेनिग्रो है, यह 5 जून, 2017 को नाटो का सदस्य बना था। नाटो के सभी सदस्यों की संयुक्त सैन्य खर्च दुनिया के कुल रक्षा खर्च का 70 फीसदी से अधिक है।

क्यों हुई थी स्थापना

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद तत्कालीन सोवियत संघ ने पूर्वी यूरोप से अपनी सेनाएं हटाने से इंकार कर दिया और अंतरराष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन कर 1948 में बर्लिन की नाकेबंदी कर दी। इसलिए अमेरिका ने एक ऐसा संगठन बनाने की कोशिश की जो उस समय के शक्तिशाली सोवियत संघ के अतिक्रमण से रक्षा कर सके।

सदस्य देश

संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, कनाडा, इटली, नीदरलैंड, आइसलैण्ड, बेल्जियम, लक्जमर्ग, नार्वे, पुर्तगाल, डेनमार्क, अल्बानिया, बुल्गारिया, क्रोएशिया, चेक रिपब्लिक, इस्तोनिया, जर्मनी, ग्रीस, लातविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, मोंटेनिग्रो, पोलैंड, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, तुर्की, रोमानिया

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