अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अंतरिक्ष में पर्यटन करने की दी अनुमित

नई दिल्ली। आज से पचास साल पहले जब चंद्रमा पर पहली बार मनुष्य गया था, स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क का जन्म भी नहीं हुआ था, ब्लू ओरिजिन के मालिक जेफ बेजोस सिर्फ पांच साल के बच्चे थे और वर्जिन गैलेक्टिक के रिचर्ड ब्रॉनसन किशोर थे। आज ये टेक उद्दमी अंतरिक्ष पर्यटन को वास्तविक बनाने के लिए किए जाने वाले प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं। अंतरिक्ष पर्यटन की बात वास्तव में नई नहीं है, लेकिन अब यह हकीकत में तब्दील होने जा रही है।ब्रॉनसन जिन्होंने दुनिया की पहली कामर्शियल ‘स्पेसलाइन’ के रूप में अपनी कंपनी वर्जिन गैलेक्टिक की स्थापना की थी, इस बारे में कुछ दशकों से बात कर रहे हैं। लेकिन बेजोस और मस्क के इस प्रतिस्पर्धा में शामिल होने से पहले कामर्शियल व्हीकल पर अंतरिक्ष जाने की वास्तविकता इतना करीब नहीं दिखती थी, जितनी की अब है। अगर आप अब भी सोचते हैं कि यह बहुत दूर का विचार है तो जरा इस बात पर गौर करें कि वर्जिन गैलेक्टिक ने 60 देशों के 600 लोगों की अपने एयरक्राफ्ट व्हाइटनाइट-2 और स्पेसक्राफ्ट स्पेसशिप-2 पर बुकिंग की हुई है।वर्जिन गैलेक्टिक ने मई में न्यू मेक्सिको में अपने स्पेस पोर्ट का भी उद्घाटन किया था। यह दुनिया का पहला कामर्शियल स्पेस पोर्ट है। जहां एक ओर वर्जिन गैलेक्टिक का कहना है कि वह अपने ग्राहकों को अपने यान के सबसे बाहरी केबिन में शून्य गुरुत्वाकर्षण में पृथ्वी को देखने की सुविधा देगी वहीं स्पेस एक्स ने पिछले साल घोषणा की थी कि जापान के अरबपति युसु मेजावा ने उसके बिग फॉल्कन रॉकेट में चंद्रमा की टिप के लिए बुकिंग कराई है। हालांकि, यह रॉकेट अभी विकसित किया जा रहा है।पृथ्वी से 3,85,000 किलोमीटर दूर चंद्रमा पर मेजावा की यात्र 2023 से पहले होने की संभावना नहीं है। इन सबके बीच में जेफ बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन, जिसका उद्देश्य चंद्रमा और अन्य ग्रहों पर कालोनी बनाना है, वह अपने दो रॉकेट- न्यू शेपर्ड और न्यू ग्लेन तैयार कर रहा है। दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बेजोस ने इस साल मई में अपने ब्लू मून लूनार लैंडर की घोषणा की थी। यह लैंडर चंद्रमा पर किसी व्यक्ति और कोई भी सामान ले जाने में सक्षम है। ब्लू ओरिजिन उन कंपनियों में से एक है जिसे नासा ने स्पेस टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए चुना था। यह कंपनी नासा के मिशन आर्टिमस के लिए भी सहायता मुहैया करा रही है।अंतरिक्ष विज्ञानियों का कहना है कि भविष्य में गहरे अंतरिक्ष की यात्र करने के लिए चंद्रमा का मानव मिशन बहुत ही महत्वपूर्ण है। स्पेसएक्स, ब्लू ओरिजिन और वर्जिन गैलेक्टिक के साथ ही नासा का मानना है कि चंद्रमा आने वाले सालों में एक पड़ाव का काम करेगा। चंद्रमा से ठहरकर फिर आगे बड़े मिशन को अंजाम दिया जा सकेगा।

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