मुंबई। Saaho Movie Review: साहो एक ऐसी फिल्म है जो एक अंडरकवर कॉप या क्रिमिनल की कहानी है। फिल्म में इतने सारे सब प्लॉट हैं कि समझ नहीं आता कि आखिर हो क्या रहा है। एक्शन सीक्वेंस बहुत स्टाइलिश और बड़े जरुर हैं लेकिन यह सब क्यों हैं समझ नहीं आता। साहो का मकसद भी समझ नहीं आता। साहो की स्टोरी में बहुत जर्क हैं कि कौनसा एक्शन सीक्वेंस कहा फिट हो रहा है पता नहीं चलता और सीक्वेंस का एक दूसरे से लेना देना नहीं है। कहानी दमदार नहीं है लेकिन एक्शन को लेकर फिल्म को अच्छा रिस्पॉन्स मिल सकता है। साहो बड़े बजट की फिल्म है जिसको लेकर लगातार प्रमोशन किया गया। यह फिल्म प्रभास के डायहार्ट फैंस को ही पसंद आएगी। क्योंकि फिल्म की कहानी दमदार नहीं है और जो प्रभास को देखना चाहते हैं वे इस फिल्म को देख सकते हैं। अगर स्क्रीनप्ले की बात करें तो इसका कहानी से कोई लेना देना नहीं है। साथ ही दर्शक अगर स्पेशल इफेक्ट्स और एक्शन देखना चाहते हैं तो उनके लिए यह फिल्म है लेकिन यह भी उन्हें टुकड़ों में देखने को मिलेगा। अभिनय की बात करें तो प्रभास में स्वैग है, वे स्क्रीन पर अच्छे लगते हैं और रोल भी अच्छा निभाया है। लेकिन कोई स्टार बिना कंटेंट के फिल्म को नहीं चला सकता। श्रद्धा कपूर ने फिल्म में ग्लैमर देने का काम बखूबी किया है। उन्होंने अपनी तरफ से बहुत अच्छा परफॉर्म किया है। बाकी एक्टर्सस मुरली शर्मा, महेश मांजरेकर, चंकी पांडे और नील नितिन मुकेश ने अच्छा परफॉर्म किया है। लेकिन अपोजिशन में रहते हुए पूरी कहानी में यह समझ नहीं आता कि यह पूरी गैंग क्यों है। कोई बैकग्राउड नजर नहीं आता।