Rs 10000 से कम में फेस्टिव सीजन बनाएं, IoT के बारे में जानें

नई दिल्ली। स्मार्ट होम डिवाइसेज एक बड़ी कैटेगरी है, जिसमें सबसे मुख्य भूमिका इंटरनेट ऑफ थिंग्स IoT की है। होम ऑटोमेशंस के लिए सबसे जरूरी IoT है। इसी के जरिये आप अपने घर को इंटरनेट के जरिये कनेक्टेड रख सकते हैं और उन्हें कमांड देने के लिए, उनसे बात कर सकते हैं। IDC की वर्ल्डवाइड क्वार्टरली स्मार्ट होम डिवाइसेज के अनुसार, भारतीय स्मार्ट होम डिवाइसेज मार्केट, जिसमें कनेक्टेड लाइट्स, स्मार्ट स्पीकर्स, कनेक्टेड थर्मोस्टैट्स, स्मार्ट टीवी, होम मॉनिटरिंग, सिक्योरिटी प्रोडक्ट्स, डिजिटल मीडिया अडाप्टर्स आदि सम्मिलित है। इनमे 2018 क्वार्टर2 में 1.4 मिलियन शिपमेंट्स के साथ साल दर साल 107 प्रतिशत की ग्रोथ देखी गई है। केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2014 में इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर मसौदा नीति जारी की थी। डिजिटल इण्डिया स्मार्ट सिटी पहल के साथ अप्रैल 2015 में कुछ बदलावों के साथ इसे जारी किया गया। केंद्र सरकार की इस नीति के अंतर्गत 2020 तक 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर का इंटरनेट ऑफ थिंग्स उद्योग बनाने की परिकल्पना है। इसके अलावा सरकार की तैयारी IoT सेंटर्स को भी डेवलप करने की है।भारत के बाद एक बड़ा प्लस प्वाइंट यह है की यहां कंज्यूमर बेस काफी बड़ा है। कंपनियां भारतीय उपभोक्ताओं को आने वाले समय में अपने प्रोडक्ट्स और घर को स्मार्ट होम में कम से कम कीमत में बदलने का विकल्प जरूर देगी। अभी ऐसे कई प्रोडक्ट्स हैं, जो भारत यूजर्स के हिसाब से सही नहीं बैठते हैं। शायद यही वजह है की भारत जैसे विशाल कंज्यूमर बेस वाले देश में टेक्नोलॉजी का यह बड़ा बदलाव फिलहाल धीरे हो रहा है।

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