नई दिल्ली। धरती अपनी धुरी पर 1,670 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घूम रही है। क्या कभी आपने सोचा कि यदि इसका अपनी धुरी पर घूमना थमने लगे तो इसका अंजाम क्या होगा? वैज्ञानिकों की मानें तो यदि उक्त अनहोनी हुई तो इसकी वजह से धरती पर जीवन संकट में पड़ जाएगा। नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती के अपनी धुरी पर घूमने की रफ्तार धीमी हो रही है जिससे चंद्रमा इससे धीरे धीरे दूर होता जा रहा है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह घटना बड़े भूकंपों की वजह बन सकती है।नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (NASA’s Jet Propulsion Laboratory) के सोलर सिस्टम के एम्बेस्डर मैथ्यू फुन्के (Matthew Funke) के मुताबिक, चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी पर एक ज्वारीय उभार बनाता है। यह उभार भी धरती की घूर्णन गति से घूमने का प्रयास करता है। इससे धरती की अपनी धुरी पर घूमने की रफ्तार सुस्त पड़ जाती है। वैज्ञानिकों का मत है कि धरती की घूर्णन गति या अपनी धुरी पर घूमने की गति सुस्त पड़ने से भूकंपीय घटनाएं बढ़ जाती है। ऐसा क्यों होता है, वैज्ञानिक अभी उन वजहों का अध्ययन कर रहे हैं।कोलोराडो यूनिवर्सिटी (University of Colorado) के वैज्ञानिक रोजर बिल्हम (Roger Bilham) और मोंटाना यूनिवर्सिटी (University of Montana) के रेबेक्का बेंडिक (Rebecca Bendick) ने अपने अध्ययन में पाया कि वर्ष 1900 के बाद से सात से अधिक की तीव्रता वाले भूकंपों में इजाफा हुआ है। 20वीं सदी के अंतिम पांच वर्षों में जब धरती की घूर्णन गति में थोड़ी कमी देखी गई तब सात से अधिक के तीव्रता के भूकंपों की संख्या अधिक थी। वैज्ञानिकों ने इस दौरान हर साल 25 से 30 तेज भूकंप दर्ज किए। इनमें औसतन 15 बड़े भूकंप थे।