देहरादून में आयोजित डॉग शो में अमृतसर से देहरादून पहुंचे तिब्बतियन मैस्टीफ जानू के मालिक हेमंत सिंह शेखों ने बताया कि उन्हें जानू के लिए प्रतिदिन औसतन 500 रुपये प्रतिदिन खर्च करना होता है। जिसमें दो मुर्गे, एक दर्जन अंडे के साथ दो दूध शामिल है। इसके अलावा दवाओं के साथ ही इसके रखरखाव पर भी भारी खर्च होता है। फिलहाल जानू की कीमत पांच लाख रुपये है। जानू को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। दून वैली कैनल क्लब की ओर से आयेाजित 61वें राष्ट्रीय डॉग शो में अफगान हाउंड, अलास्का के बर्फीले इलाकों में पाए जाने सेंट बर्नाड, तिब्बत के पठारों में पाए जाने वाले तिब्बतियन मैस्टीफ की धमक दिखायी दी तो वहीं शित जू, वेल्स कोरगी, स्प्रिंगर स्पैनियल, कैन कोर्सो, समाएड, ग्रेट डेन, साइबेरियन हस्की, जर्मन शेफर्ड, लैब्राडेोर, गोल्डेन रिट्रीवर , जिनपिन, दर्जनों नस्लों के कुत्तों ने अपनी जबरदस्त उपस्थिति दर्ज करायी। राष्ट्रीय डाग शो में पहुंचे एक से बढ़कर एक डॉग को देखने को लेकर लोगों की भारी भीड़ जुटी। जहां तिब्बतियन मैस्टीफ, जर्मन शेफर्ड, सेंट बर्नाड, साइबेरियन हस्की, ग्रेट डेन जैसे मजबूत कद काठी के लंबे चौड़े डॉग को देखकर भौचक रह गए, वहीं तमाम छोटी कद काठी की कई नस्लें देखने को मिली।