राजस्थान के कोटा स्थित एक अस्पताल में 48 घंटों में 10 बच्चों की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है. कोटा के सबसे बड़े मातृ एवं शिशु जेके लोन अस्पताल में पिछले 2 दिन में 10 बच्चों की मौत हो गई. यह सभी बच्चे एनआईसीयू में भर्ती थे.
इस मामले पर जेके लोन अस्पताल में के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर बेरवा ने बताया कि तीन-चार बच्चों की रोजाना डेथ एक एवरेज है. वहीं, पूरे साल में बच्चों की मृत्यु को देखा जाए तो यह और सालों की अपेक्षा इस महीने में कम मौतें हुई हैं.
बैरवा ने बताया जिन 10 बच्चों की मौत हुई है, उसमें 5 न्यू बोर्न बेबी हैं, जिनको जन्म लेते ही दिक्कत हो गई थी. वहीं, 5 बड़े बच्चे हैं इनमें 3 बच्चे दूसरे निजी अस्पतालों से रेफर होकर आए थे. जेके लोन अस्पताल कोटा संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल होने की वजह से यहां पर आसपास के जिलों के एमपी तक के बच्चे आते हैं. जेके लोन अस्पताल अधीक्षक का कहना है कि हमने शिशु रोग विभागाध्यक्ष को बोल दिया है व एक कमेटी बना दी गई है. बच्चों की मौत की ऑडिट होती है, इसमें कोटा की डेथ रेट राजस्थान में सबसे कम है. हमने अस्पताल प्रशासन से पिछले साल हुई मौतों के आंकड़े लिए. उसमें 2014 में 15719 बच्चे भर्ती हुए थे जिसमें 1198 बच्चों की मौत हुई. 2015 में 17579 बच्चों में 1260 बच्चों की डेथ हुई थी. पिछले साल 2018 में 16436 बच्चे भर्ती हुए थे जिसमें 1005 बच्चों की डेथ हुई.